- ‘दीवान-ए-रियासत’ विभाग की स्थापना अलाउद्दीन खिलजी द्वारा की गई। ‘दीवान-ए-इस्तिहाक’ विभाग की स्थापना फिरोज तुगलक द्वारा की गई। यह विभाग पेंशन से सम्बन्धित था। सल्तनत काल में इक्ता से छोटी इकाई कही जाती थी- शिक ‘इक्ता व्यवस्था’ की शुरुआत इल्तुतमिश ने की। विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना धर्मपाल ने की। सल्तनतकालीन इतिहासकार इब्नबतूता ने सौ ग्रामों के समूह को एक प्रशासनिक इकाई के रूप में वर्णित किया और इस इकाई को ‘सदी’ के नाम से उल्लिखित किया। जजिया कर को मुण्डकर भी कहा गया।
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हक्क-ए-शर्ब
गयासुद्दीन तुगलक ने सर्वप्रथम नहर-निर्माण की दिशा में प्रयास किया। फिरोज तुगलक ने सर्वप्रथम ‘सर्बकर’ (हक्क-ए-शर्ब) नामक सिंचाई कर की वसूली की। लोदी वंश के शासकों ने भूमि की नाप की इकाई के रूप में ‘सिकंदरी गज’ का प्रयोग किया। भारत में सर्वप्रथम ‘चरखे’ के प्रयोग का प्रमाण चौदहवीं सदी में मिलता है। कबीर सिकंदर लोदी के समकालीन थे। विजयनगर के शासक कृष्णदेव राय की रचना ‘आमुक्त-माल्यद’ तेलुगू भाषा में लिखी गई। तालीकोटा का युद्ध 1565 ई. में हुआ। विठ्ठलस्वामी मंदिर का निर्माण कृष्णदेव राय ने करवाया। सूफी संतों में ख्वाजा फरीदुद्दीन गंज-ए-शकर की रचनाओं को ‘गुरुग्रंथ साहिब’ में संकलित किया गया है। कादिरी सम्प्रदाय के संतों में शेख मुल्लाशाह बदख्शी मुगल शहजादा दारा शिकोह का गुरु था।