Philosophy

असिस्टेंट प्रोफेसर 2020 Philosophy Paper 1st

असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज 2020 Philosophy Paper 1st 03 अक्टूबर, 2021 सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए। एक से अधिक उत्तर देने की दशा में प्रश्न को गलत माना जाएगा। प्रत्येक प्रश्न गलत के लिए प्रश्न अंक का 1/3 भाग काटा जायेगा।   प्रमा के ‘अनधिगतता‘ लक्षण की आलोचना किस दार्शनिकने की है? (1) वात्स्यायन (2) शालिकनाथ …

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भारतीय दर्शन के प्रमुख सम्प्रदाय

दो प्रमुख सम्प्रदाय अ. आस्तिक सम्प्रदाय भारतीय दर्शन में वह विचारधारा आस्तिक कहलाती है, जो वेदों की प्रमाणिकता में विश्वास करती है। वैदिक ग्रंथों पर आधारित, दो शाखाएं – जो शाखा कर्मकाण्ड पर आधारित हैं उसे मीमांसा और जो ज्ञान कांड पर आधारित है, उसे वेदांत कहते है। वेदों की प्रमाणिकता में विश्वास रखने वाले …

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प्लेटो का जीवन परिचय एवं नीतिशास्त्र

सुकरात के शिष्य। उसके दर्शन में अपने पूर्ववर्ती समस्त दर्शनों का समन्यवय है इसलिए प्लेटो को ‘पूर्णग्रीक’ की उपाधि दी जाती है। पुस्तकें- रिपब्लिक, फिलेबस। ज्ञान की परिभाषा ज्ञान वह है जो वस्तुनिष्ठ, तर्कबुद्धि पर आधारित तथा नित्य होता है। मत अप्रामाणिक, व्यक्तिनिष्ठ, विश्वास पर आधारित तथा अनित्य ज्ञात वस्तुतः ज्ञान नहीं बल्कि एक मत …

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बौद्ध दर्शन

बौद्ध मत का प्रतिपादन गौतम बुद्ध ने किया था। इस दर्शन के प्रमुख सिद्धांत निम्नप्रकार हैं’ चार आर्य सत्य बौद्ध दर्शन गौतम बुद्ध द्वारा स्थापित एक नास्तिक दर्शन है। इसे भारतीय दर्शन का सर्वाधिक मानवतावादी दर्शन माना गया है। बौद्ध दर्शन का प्रारंभिक स्वरूप चार आर्य सत्यों में प्रकट होता है। चार आर्य सत्य ही …

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सुकरात

जन्मः एथेन्स में 469 ई.पू.। पिताः साफ्रानिस्कस जो एक शिल्पकार थे। माताः फीनरीट जो एक गर्भरक्षक धात्री का कार्य करती थी। प्रसिद्ध कथन ‘उन्हें अपनी अज्ञानता का ज्ञान हैं’ सुकरात Socrates की पद्धति सुकरात दार्शनिक नहीं, वरन् नैतिक शिक्षा की उनकी एक विशिष्ट थी जिसे साक्रेटिक पद्धति कहते हैं। इस पद्धति की निम्नलिखित विशेषताएं हैं- …

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