National Bank for Agriculture and Rural Development
  • शिवरमन सिंह समिति की अनुशंसा पर केन्द्र सरकार ने 12 जुलाई, 1982 ई. को नाबार्ड की स्थापना की घोषणा की। नाबार्ड ने 17 जुलाई, 1992 से कार्य करना  शुरू किया।
  • यह कृषि क्षेत्र के विकास के लिए धन उपलब्ध कराने वाली शीर्ष संस्था है। इसकी स्थापना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के विकास के लिए धन उपलब्ध कराना तथा अन्य नीतिगत सहायता कराना है।
  • नाबार्ड का मुख्यालय मुंबई में है। इसके 16 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। नाबार्ड के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, जबकि अन्य संचालकों का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है।
  • नाबार्ड की शुरू में पूंजी 100 करोड़ रुपये थी, परंतु बाद में इसे बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया गया। नाबार्ड प्रत्यक्षतः किसानों को ऋण नहीं देता है। यह राज्य सरकारों, सहकारों बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राष्ट्रीय बैंकों तथा भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराता है।
राष्ट्रीय किसान आयोग
  • राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन फरवरी 2004 में पूर्व कृषि राज्य मंत्री सोमपाल शास्त्री की अध्यक्षता में किया गया परंतु मई 2004 में सत्ता परिवर्तन होने पर इसका पुनर्गठन किया गया। इसके फलस्वरूप स्वामीनाथन को इसका अध्यक्ष बनाया गया। इसके द्वारा प्रस्तुत विभिन्न प्रतिवेदनों के प्रमुख अंश हैः-
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं संप्रभुता बोर्ड का गठन करना।
  • कृषि को संविधान की समवर्ती सूची में लाना।
  • कृषि लागत तथा मूल्य आयोग को सविधिक संस्था का दर्जा दिया जायें।
  • भारतीय व्यापार संगठन की स्थापना
  • ग्रामीण तथा कृषि आजीविका पहल शुरू की जाए।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य को कम से कम उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक करना।

विभिन्न प्रकार की खेतियों के नाम:-

                           खेती नाम
एयरोपोनिक पौधों को हवा मे उगाना
एपीकल्चर मधुमक्खी पालन
हार्टीकल्चर बागवानी
फ्लोरी कल्चर फूल विज्ञान
ओलेटी कल्चर सब्जी विज्ञान
पामोलॉजी फल विज्ञान
विटी कल्चर अंगूर की खेती
वर्मीकल्चर केंचुआ पालन
पिसी कल्चर मत्स्य पालन
सेरी कल्चर रेशम पालन
मोरी कल्चर रेशम कीट हेतु शहतूत उगाना