आय के वितरण में व्याप्त विषमताओं को दर्शित करने वाला लॉरेंज वक्र (Lrentz Curve) कहलाता है। इसके अंतर्गत किसी भी देश में व्यक्तिगत आय के प्रतिशत वितरण को संचयी रूप में शीर्ष स्तर पर रखते हुए परिवारों के प्रतिशत को संचयी रूप में क्षैतिज स्तर पर रखकर यह ज्ञात किया जा सकता है कि 50 प्रतिशत या 60 प्रतिशत परिवारों को आय का कितना भाग मिल रहा है तथा 5 प्रतिशत या 10 प्रतिशत धनी लोगों को कुल आय का कितना भाग मिल रहा है।

  • ग्राफ पर प्रदर्शित करते समय सबसे कम आय प्राप्तकर्त्ता से शुरू करते हैं। यदि सभी आय प्राप्तकर्ताओं का आय में हिस्सा बराबर रहे अर्थात् 25 प्रतिशत लोगों के पास 25 प्रतिशत आय का अंश हो, 10 प्रतिशत लोगों के पास 10 प्रतिशत अंश हो, तो एक विशिष्ट प्रकार का वक्र प्राप्त निरपेक्ष समता रेखा कहा जाता है। 
  • यह एक मानक या कल्पना रेखा होती है। वास्तविक आंकड़ों पर आधारित लॉरेंज वक्र इस समता रेखा से जितना अधिक दूर होगा, विषमता भी उतनी अधिक होगी। जैसा कि रेखाचित्र में प्रदर्शित है। स्पष्ट है कि लॉरेंज वक्र जितना ही निरपेक्ष समता रेखा क पास होगा आय की विषमता उतनी ही कम होगी

0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder