पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं, पढ़ें उदाहरण सहित

भाषा में शब्द और अर्थ दोनों का अपना विशिष्ट स्थान एवं महत्त्व है। एक अर्थ के द्योतन हेतु एक शब्द विशेष होता है। परंतु भाषा-प्रयोग की दृष्टि से उस एक ही शब्द का अनेक बार प्रयोग उचित प्रतीत नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में निहितार्थ की अभिव्यक्ति हेतु उसी के समान Read more…

उपसर्ग किसे कहते हैं, उदाहरण सहित समझाइए?

वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। ये शब्दांश होने के कारण वैसे इनका स्वतंत्ररूप से अपना कोई महत्त्व नहीं होता किन्तु शब्द के पूर्व संश्लिष्ट अवस्था में लगकर उस Read more…

शब्द-विचार: तत्सम शब्द और तद्भव शब्द

परिभाषा एक या एक से अधिक वर्णों से बने सार्थक ध्वनि-समूह को शब्द कहते हैं। शब्द के भेद: उत्पत्ति के आधार पर उत्पत्ति एवं के आधार पर हिन्दी भाषा में शब्दों को निम्न 4 उपभेदों में बांटा गया है- तत्सम शब्द: किसी भाषा में प्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्दों Read more…

अलंकार का अर्थ बताइए, यह कितने प्रकार के होते हैं?

अलंकार शब्द का अर्थ है अलंकृत करने वाला या शोभा बढ़ाने वाला। वह वस्तु जो किसी को सुशोभित करती है, अलंकार कहलाती है। जिस प्रकार हार-कुंडल आदि आभूषणों से नारी-शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी प्रकार अनुप्रास, यमक, उपमा, रूपक आदि अलंकार काव्य के शब्दार्थ रूपी शरीर की सौन्दर्य-वृद्धि में Read more…

सन्धि और सन्धि विच्छेद: दीर्घ स्वर सन्धि

सम् + धि = सन्धि सन्धि शब्द का तात्पर्य मेल/जोड़/योग भी होता है। सन्धि केवल तत्सम शब्दों में ही होती है। सन्धि करने के लिए वर्ण परिवर्तन होना आवश्यक है जैसा कि हम सन्धि की परिभाषा में पढ़ते हैं। दो वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, Read more…

समास: अव्ययीभाव, तत्पुरुष, द्विगु, बहुव्रीहि, द्वंद्व, कर्मधारय

समास का अर्थ है ‘संक्षिप्तीकरण’। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नये और सार्थक शब्द को समास कहते हैं। या दो या दो से अधिक शब्दों का अपने विभक्ति चिह्नों को छोड़कर आपस में मिलना। जैसे- कमल के समान नयन इसे हम ‘कमलनयन’ हाथ के Read more…

छन्द किसे कहते हैं, छन्द को उदाहरण सहित समझाइए?

परिभाषा – जिस शब्द-योजना में वर्णों या मात्राओं और यति-गति का विशेष नियम हो, उसे छन्द कहते हैं। छन्द को पद्य का पर्याय कहा है। विश्वनाथ के अनुसार ‘छन्छोबद्धं पदं पद्यम्’ अर्थात् विशिष्ट छन्द में बंधी हुई रचना को पद्य कहा जाता है। छन्द ही वह तत्व है, जो पद्य Read more…

प्रत्यय को परिभाषित करते हुए, समझाइए

परिभाषा जो शब्दांश किसी शब्द के अंत मे जुडकर उसके अर्थ को बदल देते हैं उसे प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय उन शब्दों को कहते हैं जो किसी अन्य शब्द के अन्त में लगाये जाते हैं। इनके लगाने से शब्द के अर्थ में भिन्नता या वैशिष्ट्य आ जाता है। प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ है – प्रति + अय अर्थात् पीछे आना। उदाहरण – ‘मीठा’ शब्द में ‘आई’ प्रत्यय जोडने से मिठाई शब्द बनता है। धन + वान = धनवान विद्या + वान = विद्वान उदार + ता = उदारता पण्डित + ई = पण्डिताई चालाक + ई = चालाकी सफल + ता = सफलता प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं – कृत् प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय। कृत् प्रत्यय –  वे शब्द जो किसी धातु (क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं) के परे प्रयुक्त होकर सार्थक शब्दों का निर्माण करते हैं। कृत् प्रत्यय कहते हैं। ये 5 प्रकार के होते हैं – कृर्तृ (कर्त्ता) वाचक कर्स वाचक करण वाचक भाव वाचक विशेषण वाचक तद्धित प्रत्यय वे शब्दांश जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के परे प्रयुक्त होकर सार्थक शब्दों का निर्माण करते हैं। उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं तथा इनसे बनने वाले शब्द तद्धितांत (तद्धित + अंत) कहलाते हैं। ये 7 प्रकार के होते हैं – कृर्तृ (कर्त्ता) वाचक भाव वाचक सम्बन्ध वाचक गुण वाचक अपत्य (संतान) वाचक ऊनता (लघुता) वाचक स्त्री वाचक कृत् प्रत्यय कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदंत (कृत़्अंत) शब्द कहलाते हैं। जैसे- लेख् + अक = लेखक। यहाँ अक कृत् प्रत्यय है तथा लेखक कृदंत शब्द है। प्रत्यय मूल शब्द/धातु उदाहरण अक लेख्, पाठ्, कृ, गै लेखक, पाठक, कारक, गायक अन पाल्, सह्, ने, र्च पालन, सहन, नयन, चरण अना घट्, तुल्, वंद्, विद् घटना, तुलना, वन्दना, वेदना अनीय मान्, रम्, दृश्, पूज्, श्रु माननीय, रमणीय, दर्शनीय, पूजनीय, श्रवणीय आ सूख, भूल, जाग, पूज, इष्, भिक्ष् Read more…

आरपीएससी द्वारा आयोजित द्वितीय श्रेणी हिंदी विषय के पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र

  शिक्षक भर्ती की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए हिंदी विषय के प्रश्न पत्र यहां पर उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं। हालांकि आपको ये प्रश्न पत्र और आंसर की आरपीएससी की बेवसाइट पर मिल जाएंगे। मगर इन्हें ढूंढ़ने में आपको बहुत समय लगता है, अत: आप परीक्षार्थियों Read more…

शब्द शक्ति किसे कहते हैं, उसके भेद कितने हैं उदाहरण सहित पढ़ें

शब्द शक्ति का अर्थ है- शब्द की अभिव्यंज शक्ति। शब्द का कार्य किसी अर्थ की अभिव्यक्ति तथा उसका बोध कराना होता है। शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ- व्यापार को शब्द शक्ति कहते हैं। शब्द शक्ति के भेदः- शब्द में अन्तर्निहित अर्थ को प्रकट करने वाले व्यापार को Read more…