हस्तशिल्प उद्योग

 

हस्तशिल्प उद्योग
प्रसिद्ध स्थान
डोरिया व मसूरिया साड़ियां कोटा
खेसला, टुकड़ी बालोतरा, फालना
बंधेज साड़ियां जोधपुर
चूनरियां व लहरिया जयपुर
संगमरमर की मूर्तियां जयपुर
मिट्टी की मूर्तियां मोलेला गांव, राजसमन्द
लकड़ी के खिलौने उदयपुर, सवाई माधोपुर
फड़ चित्रण शाहपुरा, भीलवाड़ा
कठपुतलियां उदयपुर
  • कृत्रिम रेशम (टसर) का विकास कोटा, उदयपुर, बाँसवाड़ा जिलों में किया जा रहा है। इसके लिए इन जिलों में अर्जुन के पेड़ लगाये गये है। इन वृक्षों पर तथा शहतून के वृक्षों पर रेशम कीट पालन किया जाता है।
  • चमड़े की मोजड़ी एवं जूतियां बनाने का कार्य नागौर, सिरोही, भीनमाल, टोंक, जोधपुर व जयपुर में किया जाता है।
  • वनोपज पर आधारित उद्योगों में बीड़ी उद्योग (टोंक, भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर), माचिस उद्योग (अजमेर, अलवर), बाँस उद्योग (जयपुर, अजमेर), कत्था, गौंद व लाख उद्योग (कोटा, बूंदी, झालावाड़, उदयपुर व चित्तौड़गढ़), कागज उद्योग (घोसुण्डा, साँगानेर) आदि प्रमुख है।
  • राज्य में ऊनी धागा बनाने की मिले बीकानेर, चूरू, लाडनूं व कोटा में संचालित है। ऊनी खादी में जैसलमेर की बरड़ी, बीकानेर के ऊनी कम्बल, चौमूं के खेस प्रसिद्ध है।

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