अलनीनो (एल नीनो)
  • अलनीनो (एल नीनो) एक अजीबो-गरीब समुद्री तथा जलवायुविक घटना है जो कुछ अंतराल पर दक्षिण प्रशांत महासागर में पेरू तट पर प्रकट होता है। यह सामान्यतः क्रिसमस के आसपास गर्म समुद्री जलधारा के रूप में प्रकट होता है। खास बात यह है कि यह क्षेत्र अटाकामा के ठण्डी समुद्री जलधारा का क्षेत्र है, जहां यह धारा दक्षिण से उत्तर की ओर प्रवाहित होती है, जबकि अलनीनो धारा गर्म होती है और इसकी प्रवाह दिशा उल्टी अर्थात् उत्तर से दक्षिण की ओर होती है। अलनीनो वर्ष में दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी भाग, दक्षिणी प्रशांत महासागर और ऑस्ट्रेलिया में कई असामान्य जलवायविक घटनाएं देखी जाती हैं।
  • जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि एलनिनों का प्रभाव भारत के दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पर भी पड़ता है। ऐसा देखा गया है कि एलनिनों वर्ष में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून कमजोर पड़ जाता है, जिससे देश में कई क्षेत्रों में सूखे की आशंका बढ़ जाती है। पिछले दस वर्षों से वैज्ञानिक एलनिनों के प्रभाव को निश्चित रूप से जानने के लिए लंबी अवधि की परियोजनाएं चला रहे थे, जिसका कार्यकाल दिसम्बर 1995 में समाप्त हुआ।
  • इनके निष्कर्षों के अनुसार अलनीनो वर्ष में मौसम क्रम में अचानक और अजीबो-गरीब परिवर्तन आ सकते हैं। मौसम सामान्य से काफी गरम हो सकता है, पानी की जबरदस्त कमी हो सकती है या फिर जबर्दस्त बारिश व तूफान से तबाही मच सकती है।

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