राजस्थान की प्रमुख नदियां

अपवाह तन्त्र से तात्पर्य नदियां एवं उनकी सहायक नदियों से है जो एक तंत्र अथवा प्रारूप का निर्माण करती हैं। राजस्थान में वर्ष भर बहने वाली नदी केवल चम्बल है। राजस्थान के अपवाह तन्त्र को अरावली पर्वत श्रेणियां निर्धारित करती है। अरावली पर्वत श्रेणियां राजस्थान में एक जल विभाजक है Read more…

राजस्थान में समाचार पत्रों का विकास

समाचार पत्रों का मुख्य उद्देश्य – राजस्थान की जनता में राजनीतिक चेतना जाग्रत करना था, साथ ही विभिन्न राज्यों में होने वाले आन्दोलनों के प्रति राजस्थान की जनता का ध्यान आकर्षित करनाथा। राजस्थान में समाचार पत्र – राजस्थान में सबसे पहले ईसाई मिशनरियों ने 1864 ई. में ब्यावर में ‘लिथो Read more…

राजस्थान की प्रमुख लोक देवियां

राजस्थान की प्रमुख लोक देवियां निम्नलिखित हैं- करणीमाता मूलनाम – रिद्धीबाई बीकानेर के राठौड़ों व चारणों की कुलदेवी है। मुख्य मंदिर देशनोक (बीकानेर) में है। करणी माता ‘चूहों की देवी’ के नाम से भी जानी जाती है। सफेद चूहों को काबा कहते हैं। करणीजी की ईष्ट देवी ‘तेमड़ा’ थी। चारण Read more…

मुग़ल काल में मनसबदारी व्यवस्था

जैसे-जैसे साम्राज्य में विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित होते गए, वैसे-वैसे मुग़लों ने तरह-तरह के सामाजिक समूहों के सदस्यों को प्रशासन में नियुक्त करना आरंभ किया। प्रारम्भ में ज्यादातर सरदार, तुर्की (तूरानी) थे, लेकिन अब इस छोटे समूह के साथ-साथ उन्होंने शासक वर्ग में ईरानियों, भारतीय मुसलमानों, अफगानों, राजपूतों, मराठों और अन्य Read more…

विटामिन्स क्या है और उनकी कमी से होने वाले रोग कौन-कौन से हैं

विटामिन विटामिन पोषण के लिए महत्त्वपूर्ण तत्व हैं। शरीर को इनकी बहुत ही कम आवश्यकता होती है, फिर भी इनका शरीर पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इनका ऊर्जा स्रोत के रूप में कोई महत्त्व नहीं है किंतु शरीर के विभिन्न उपापचयी प्रक्रमों पर नियंत्रण करते हैं और शरीर की बीमारियों से Read more…

भारतीय संविधान में विदेशों से लिए तत्व

  भारतीय संविधान के निर्माण के लिए हमारे संविधान निर्माताओं ने 10 देशों के संविधान के अध्ययन कर उनमें से प्रमुख तत्वों को लेकर बनाया है। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत के संविधान के निर्माण में निम्नलिखित प्रमुख देशों के संविधान से सहायता ली Read more…

नाइट्रोजन चक्र

नाइट्रोजन चक्र क्या है? नाइट्रोजन चक्र वह जैव-भूरासायनिक चक्र है जो प्रकृति में नाइट्रोजन एवं नाइट्रोजनयुक्त यौगिकों के रूपांतरण को बताता है।  वायुमंडलीय नाइट्रोजन नाइट्रोजन का सबसे बड़ा स्त्रोत है।  हरे पौधे नाइट्रोजन को नाइट्राइट व नाइट्रेट के रूप में मृदा व जल से अवशोषित करते हैं।  जंतु जब पौधों Read more…

ध्वनि प्रदूषण क्या है,ध्वनि के स्तर को मापा जाता है?

मानव के कानों में ध्वनि को सुगमतापूर्वक ग्रहण करने की एक सीमा होती है। इस निर्धारित सीमा से अधिक की ध्वनि सुनने से जब मानव के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है, तब उसे ध्वनि प्रदूषण या शोर कहा जाता है। इससे सम्बन्धित प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं- ध्वनि Read more…

कार्बन के अपररूप: हीरा, ग्रेफाइट और फुलरीन के बारे में विस्तार से पढ़ें

  आवर्त सारणी के उपवर्ग में 4 ए का सदस्य है। कार्बन का संकेत – C परमाणु संख्या – 6 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास – 1s22s22p2 संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या – 4 किसी तत्त्व के दो या दो से अधिक रूप जो गुणधर्मों में एक-दूसरे से पर्याप्त भिन्न होते हैं, अपररूप कहलाते Read more…

भारत में संसदीय समितियां

लोक लेखा समिति – भारतीय प्रजातंत्र में संसदीय समितियों का विशेष महत्त्व है। संसदीय जनतंत्र में कार्यपालिका के ऊपर विधायिका का नियंत्रण एक अनिवार्यता है। इसकी अनिवार्यता इस सिद्धांत से उभरती है कि संसदीय जनतंत्र में जनता सबसे ऊपर है और संसद जनता की इच्छाओं की छवि है। इसलिए संसद Read more…