समाचार पत्रों का मुख्य उद्देश्य –
- राजस्थान की जनता में राजनीतिक चेतना जाग्रत करना था, साथ ही विभिन्न राज्यों में होने वाले आन्दोलनों के प्रति राजस्थान की जनता का ध्यान आकर्षित करनाथा।
राजस्थान में समाचार पत्र –
- राजस्थान में सबसे पहले ईसाई मिशनरियों ने 1864 ई. में ब्यावर में ‘लिथो प्रेस’ की स्थापना की।
- राजस्थान में सबसे पहले अगस्त, 1866 ई. में जोधपुर से ‘मारवाड़ गजट’ प्रकाशित हुआ।
- उदयपुर में महाराणा सज्जनसिंह ने 1879 ई. में सज्जन कीर्ति सुधाकर (सरकारी गजट) प्रकाशित किया। यह पहला पाक्षिक पत्र था।
- सबसे पहले 1882 में मौलवी मुराद अली ने अजमेर से ‘राजपूताना गजट’ का प्रकाशन आरम्भ किया।
- 1882 में मुंशी मुन्नालाल शर्मा ने ‘देशहितैषी’ मासिक समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया।
- हनुमानसिंह ने 1885 ई. में ‘राजपूताना हेराल्ड’
- लक्ष्मणदास द्वारा अजमेर से ‘राजस्थान टाइम्स’ का प्रकाशन शुरू किया।
- राजस्थान समाचार – मुंशी समरथदान, 1889
- तरुण राजस्थान – 1920-21 ई. में अजमेर से। सम्पादक श्री शोभालाल व रामनारायण चौधरी
- 1921-22 ई. में राजस्थान सेवा संघ ने ‘नवीन राजस्थान’ आरम्भ किया, जिसने बिजौलिया व बेंगू के किसान आन्दोलनों तथा भोमट के भील आन्दोलन का समर्थन किया।
- 1927 ई. में हरिभाऊ उपाध्याय ने ‘त्याग भूमि’ का प्रकाशन गांधीवादी विचारधारा का प्रचार करने के उद्देश्य से किया था।
प्रभात – 1932
नवज्योति – 1936 कैप्टन दुर्गाप्रसाद चौधरी ने
जयपुर समाचार – 1935
नवजीवन – 1939 ई. में अजमेर से कनक मधुकर ने
लोकवाणी – 1943 ई. में देवीशंकर तिवाड़ी ने
राजस्थान केसरी –
- 1919 ई. में वर्धा से। संपादक विजयसिंह पथिक थे।
- रामनारायण चौधरी सहसम्पादक, व्यवस्थापक हरिभाई किंकर और कन्हैयालाल कलयंत्रि उनके सहयोगी थे। इसका आर्थिक जिम्मेदारी सेठ जमनालाल बजाज ने उठाई।
- आगीबाण – जयनारायण व्यास ने 1937 ई. में ब्यावर से।