अलाउद्दीन खिलजी का राजत्व का सिद्धांत

अलाउद्दीन एक शक्तिशाली मुस्लिम सुल्तान था और उसने शासन में इस्लाम के सिद्धांतों का पालन नहीं किया। बलबन की भांति वह भी सुल्तान के प्रताप में विश्वास करता था और उसे पृथ्वी पर ईश्वर का प्रति​निधि मानता था। उसका मानना था कि सुल्तान की इच्छा ही कानून होनी चाहिए। वह Read more…

​दिल्ली सल्तनत: खिलजी वंश की स्थापना किसने की

  जलालुद्दीन खिलजी (1290-1296 ई.) जलालुद्दीन खिलजी ने 1290 ई. में खिलजी वंश की स्थापना की। उसने अपना राज्याभिषेक 1290 ई. में कैकुबाद द्वारा बनवाए गए अपूर्ण किलोखड़ी (किल्लूखड़ी) के महल में करवाया था। जलालुद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत का पहला शासक था, जिसकी आंतरिक नीति दूसरों को प्रसन्न करने की Read more…

अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियंत्रण व्यवस्था का विश्लेषण कीजिए

अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत का ही नहीं, बल्कि मध्यकालीन भारतीय शासकों में एक योग्य शासक था। वह एक प्रतिभा सम्पन्न एवं दूरदर्शी शासक था। उसने अनेक आर्थिक सुधार भी किये। अलाउद्दीन के आर्थिक सुधारों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण स्थान उसकी मूल्य निर्धारण योजना अथवा बाजार नियंत्रण की नीति को दिया Read more…

अलाउद्दीन खिलजी का चित्तौड़ पर आक्रमण

रावल रत्नसिंह (1302-1303 ई.) रावल समरसिंह (1273-1302 ई.) की मृत्यु के बाद 1302 ई. में मेवाड़ के सिंहासन पर उसका पुत्र रत्नसिंह बैठा। रत्नसिंह को केवल एक वर्ष ही शासन करने का अवसर मिला जो दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के चित्तौड़ पर आक्रमण के लिए प्रसिद्ध है। अलाउद्दीन खिलजी Read more…