संविधान सभा में राजस्थान के सदस्य

संविधान सभा के गठन के समय, राजस्थान अनके रियासतों में विभाजित था। अजमेर—मेरवाड़ा प्रांत सीधे ही ब्रिटिश शासन के अधीन था।
संविधान सभा में राजस्थान से 12 सदस्य भेजे गए थे जिसमें से 11 सदस्य देशी रियासतों से थे और एक चीफ कमिश्‍नर अजमेर—मेरवाड़ा क्षेत्र से थे।
संविधान सभा में राजस्थान से हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति उदयपुर के बलवंत सिंह मेहता थे।

संविधान सभा में राजस्थान से निम्न 12 सदस्य थे—


वी. टी. कृष्‍णमाचारी (जयपुर से),माणिक्य लाल वर्मा (उदयपुर), जयनारायण व्यास (जोधपुर), बलवंत सिंह मेहता (उदयपुर), रामचंद्र उपाध्याय (अलवर), दलेल सिंह (कोटा), गोकुल लाल असावा (शाहपुरा, भीलवाड़ा), जसवंत सिंह (बीकानेर), राज बहादुर (भरतपुर), हीरा लाल शास्त्री (जयपुर), सरदार सिंह (खेतड़ी), मुकुट बिहारी लाल भार्गव (अजमेर—मेरवाड़ा) राजस्थान से संविधान सभा में शामिल थे।

इनके अतिरिक्त राजस्थान मूल के प्रवासी, राजस्थानी प्रभुदयाल हिम्मत सिंह का प​श्चिम बंगाल से, बनारसी दास झुंझुनवाला बिहार से, पदमपत सिंघानिया उत्तर प्रदेश से, संविधान सभा के सदस्य चुने गए।

संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि वर्ष 1949 में 26 नवंबर के दिन ही संविधान मसौदे को अंगीकृत किया गया था। संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में हमारे संविधान तैयार किया था।
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया, इसलिए ही 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं।

संविधान सभा की अंतिम बैठक संविधान निर्माण के लिए 24 नवंबर 1949 में हुई, जिसमें 284 लोगों ने हस्ताक्षर किए। संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।

भारत के संविधान की मूल प्रति में भारत के वैभवशाली इतिहास, परम्परा और संस्कृति को दर्शान वाले 22 चित्र हैं। इन चित्रों का निर्माण चित्रकार नन्दलाल बोस ने किया।
राजस्थान के चित्रकार कृपाल सिंह शेखावत ने भी इनमें अपना प्रमुख योगदान दिया।