विमुद्रीकरण (Demonatization) –
  • एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत देश का केन्द्रीय बैंक कालेधन अथवा नकली नोटों को चलन से बाहर करने के लिए चलन में पुरानी मुद्रा की वैधानिकता समाप्त कर नयी मुद्रा जारी कर देता है इस प्रकार अवैध तरीके से अर्जित कालाधन एवं नकली करेंसी स्वतः ही नष्ट हो जाती है।
  • जब देश की सरकार पुरानी मुद्रा को कानूनी तौर पर बंद कर देती है। 8 नवम्बर 2016 को हाल ही में सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोटों को उसी रात 12 बजे से बंद किए जाने की घोशणा की है।
  • बचत खाताः- इस प्रकार के खाते छोटे बचतकर्ता अथवा नौकरीपेशा लोग बैंकों में खुलवाते हैं। इन जमाओं पर बैंक एक निश्चित दर से ब्याज भी अदा करता है। इसमें ब्याज दर कम होती है।
  • चालू खाते:- इस प्रकार के खाते व्यापारी अथवा उद्योगपति बैंकों में खुलवाते हैं, जिनका दैनिक नकद लेन देन अधिक होता है। इन जमाओं पर बैंक एक न्यूनतम दर से ब्याज भी अदा करता है।
  • अवधि जमाएँ:- बैंकों द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए जो जमाएँ स्वीकार की जाती हैं उन्हें अवधि जमाएँ (Fixed Deposit) कहते हैं, इन पर ब्याज की दर ऊँची होती है।
  • मांग जमाएँ:- जबकि माँग जमाऐं, वे जमाऐं होती हैं जो ग्राहक के द्वारा किसी भी समय माँगे जाने पर बैंकों को अदा करनी पड़ती हैं, ऐसी जमाओं पर ब्याज दर कम होती हैं।
  • राजकोषीय नीति – इस नीति द्वारा सरकार द्वारा कर और व्यय में परिवर्तन द्वारा पूर्ण रोजगार और कीमत स्तर में स्थिरता लाने का प्रयास किया जाता है।
  • मौद्रिक नीति – केन्द्रीय बैंक द्वारा मुद्रा की पूर्ति को नियंत्रित करने और आर्थिक नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपनाई जाती है।
  • मांग वक्र : मांग वक्र आलेख वस्तु की कीमत और मात्रा में सम्बन्ध को द्वारा दर्शाया जाता है।