मोंटेसरी विधि

प्रवर्तक: मारिया मोंटेसरी

इस विधि का निर्माण मंदबुद्धि बच्चों के लिए किया गया था। इस विधि में बालक शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से अधिगम करता है।

गत्ते के कार्ड पर बनी हुई आकृति एवं दीवार पर लटकी हुई आकृति के बीच में समानता स्थापित करता है।

बालक को सबसे पहले लिखना सिखाया जाता है।

इस विधि में ज्ञानेंद्रियों एवं संवेदनाओं का सर्वाधिक प्रयोग होता है।

किंडर गार्डन विधि

प्रवर्तक: फ्रेडरिक फ्रोबेल, जर्मनी

इस विधि में शिक्षक एक माली के समान होता है एवं छात्र एक पौधे के समान होता है। जिस प्रकार से एक पौधा एक स्वाभाविक शक्ति रखता है उसी प्रकार से एक बालक स्वाभाविक शक्ति रखता है। अतः शिक्षक बालक की स्वाभाविक शक्तियों को विकसित करने का प्रयत्न करें।

प्रोजेक्ट विधि

प्रवर्तक: किलपैट्रिक, अमेरिका

बालक को एक प्रोजेक्ट कार्य दिया जाता है एवं बालक अपनी गति के अनुसार अपनी मानसिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिगम करता है।

यह एक छात्र केंद्रित पद्धति है जिसमें सभी छात्र व्यक्तिगत विभिन्नता के अनुसार सीखते हैं।

ह्यूरिस्टिक विधि

प्रवर्तक: आर्मस्ट्रांग, ब्रिटेन

इस विधि में बालक एक खोजी कुत्ते के समान कार्य करता है एवं अपनी मानसिक शक्तियों के अनुसार स्वयं अधिगम करता है।

विज्ञान विषय में ह्यूरिस्टिक विधि का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है।

बिनेटिका प्रणाली

प्रवर्तक: कालटर्न वाशबर्न, अमेरिका

इस विधि में एक समान पाठों को एक साथ पढ़ाने का प्रयास किया जाता है। एक पुस्तक में अलग—अलग स्थान पर एक समान अंश विद्यमान होते हैं एवं बालक समान अंशों को तुलनात्मक रूप से पढ़ते हुए अधिगम करता है।

ड्रेकोली विधि

प्रवर्तक: ओविड ड्रेकोली

इस विधि में बालक को सामूहिक कार्य के द्वारा अधिगम करने का अवसर दिया जाता है। बालक सामूहिक गतिविधियों के आधार पर अपनी मानसिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए सीखते हैं।

डॉल्टन विधि

प्रवर्तक: हेलेन पार्कहर्स्ट, अमेरिका

इस विधि में बालक को स्वतंत्र रूप से अधिगम करने के अवसर दिए जाते हैं। बालक अपनी स्वेच्छानुसार किसी भी विषय को सीखता है। शिक्षक की भूमिका मार्गदर्शक के समान होती है।

खेल प्रणाली

प्रवर्तक: हेनरी कॉल्डवेल कुक, ब्रिटेन

बालक को खेलों के माध्यम से अधिगम करने का अवसर प्रदान किया जाता है। यह एक मनोवै​ज्ञानिक पद्धति है। इसमें बालक अपनी रूचि के अनुसार अधिगम करता है।

बेसिक शिक्षा पद्धति

प्रवर्तक: महात्मा गांधी

बालक को श्रम शिक्षा का ज्ञान देते हुए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम से अवगत करवाया जाए। बालक को प्रा​थमिक कक्षाओं में हस्तशिल्प की शिक्षा प्रदान की जाए।


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