राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

दिसम्बर, 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को स्वीकार करने का भारतीय संविधान के निर्माण पर भारी प्रभाव पड़ा। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने समानता, स्वतंत्रता, धर्म, शिक्षा इत्यादि से संबंधित इस प्रकार के कई अधिकारों को संविधान के भाग-3 में शामिल किया और सर्वोच्च न्यायालय Read more…