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राज्य की नीति-निदेशक तत्व

निदेशक तत्वों की विशेषताएं

Question & Answer:

  1. राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों को भारतीय संविधान में शामिल किए जाने का उद्देश है –
    सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र को स्थापित करना।
  2. राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों का उद्देश्य है –
    एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना, सामाजिक-आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करना, एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना करना।
  3. राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के बारे में सही कथान हैं –
    ये तत्व देश के सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की व्याख्या करते हैं
    इन तत्वों में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (एनफोर्सिएबल) नहीं है।
  4. कल्याणकारी राज्य की संकल्पना का समावेश भारत के संविधान में है –
    राज्य के नीति-निदेशक तत्वों में
  5. भारतीय संविधान में सम्मिलित नीति-निदेशक तत्वों की प्रेरणा हमें प्राप्त हुई –
    आयरलैण्ड के संविधान से
  6. राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत –
    वाद योग्य नहीं है
  7. भारत के संविधान के अनुसार, देश के शासन के लिए आधारभूत है
    – राज्य की नीति के निदेशक तत्व
  8. समान कार्य के लिए समान वेतन भारत के संविधान में सुनिश्चित किया गया एक –
    राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांतों का अंग है।
  9. भारत में पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गई है –
    राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांत के अंतर्गत
  10. राज्य सरकार को ग्राम पंचायतों को संगठित करने के लिए निर्देशित करता है?
    – अनुच्छेद 40
  11. भारत के संविधान के अंतर्गत ग्राम पंचायतों का गठन –
    निदेशक सिद्धांत है।
  12. सही सुमेलन निम्न प्रकार है –
    अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों का गठन
    अनुच्छेद 41 कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
    अनुच्छेद 44 नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता
    अनुच्छेद 48 कृषि एवं पशुपालन का गठन
  13. कथन A: मनरेगा दर अर्ह परिवार के कम से कम एक सदस्य को वर्ष में 100 दिन का रोजगार दिलाने का प्रावधान करता है।
    कारण R: रोजगार का अधिकार संविधान के भाग III में प्राविधित है।
    – कथन A सही है, परन्तु कारण R गलत है।

राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांतों का सही सुमेलित है –

अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के संवर्धन से संबंधित है।
अनुच्छेद 41 काम, शिक्षा, लोक सहायता पाने का अधिकार
अनुच्छेद 43 (क) उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों के भाग लेने का अधिकार
अनुच्छेद 48 (क) पर्यावरण संरक्षण
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