वाक्य शुद्धि
  • शब्द शुद्धि के साथ वाक्य शुद्धि का भी भाषा में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। वाक्य में अनावश्यक शब्द प्रयोग से अनुपयुक्त शब्द के प्रयुक्त होने से, सही क्रम या अन्विति न होने से, लिंग, वचन, कारक का सही प्रयोग नहीं होने से, सही सर्वनाम एवं क्रिया का प्रयोग न होने से वाक्य अशुद्ध हो जाता है। जो अर्थ के साथ भाषा सौन्दर्य को हानि पहुंचाता है।
अनावश्यक शब्द के कारण वाक्य अशुद्धि
  • समान अर्थ वाले दो शब्दों या विपरीत अर्थ वाले शब्दों के एक साथ प्रयागे होने तथा एक ही शब्द की पुनरावृत्ति पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है। अतः किसी एक अनावश्यक शब्द को हटाकर वाक्य शुद्ध बनाया जा सकता है। इनमें दोनों शब्दों में से किसी एक को हटाना होता है। अतः दोनों रूपों में वाक्य सही हो सकता है।

अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
मैं प्रातः काल के समय पढ़ता हूं। मैं प्रातः काल पढ़ता हूं।
जज ने उसे मृत्यु दण्ड की सजा दी। जज ने उसे मृत्यु दण्ड दिया।
इसके बाद फिर क्या हुआ? इसके बाद क्या हुआ?
यह कैसे सम्भव हो सकता है? यह कैसे संभव है?
मेरे पास केवल मात्र एक घड़ी हैं। मेर पास केवल एक घड़ी है।
गुलामी की दासता बुरी है। गुलामी बुरी है।
तुम वापस लौट जाओ। तुम वापस जाओ।
नौजवान युवक युवतियों को आगे आना चाहिए। नौजवानों को आगे आना चाहिए।
सप्रमाण सहित उत्तर दीजिए। सप्रमाण उत्तर दीजिए।
प्रशान्त बहुत सज्जन पुरुष है। प्रशान्त बहुत सज्जन है।
वह सचिवालय कार्यालय में लिपिक है। वह सचिवालय में लिपिक है।
शायद आज वर्षा अवश्य आयेगी। शायद आज वर्षा आयेगी।
सारे देश भर में यह बात फैल गई। सारे देश में यह बात फैल गई।
वह गुनगुने गरम पानी से नहाता है। वह गुनगुने पानी से नहाता है।
विन्ध्याचल पर्वत हिमालय से प्राचीन है। विन्ध्याचल हिमालय से प्राचीन है।
कृपया शीघ्र उत्तर देने की कृपा करें। कृपया शीघ्र उत्तर दें।
किसी और दूसरे से परामर्श लीजिए। किसी और से परामर्श लीजिए।
शायद वह जरूर उत्तीर्ण हो जायेगा। वह जरूर उत्तीर्ण हो जायेगा।
गरम आग लाओ। आग लाओ।
तुम सबसे सुन्दरतम हो। तुम सबसे सुन्दर हो।
                                                                                                  अनुपयुक्त शब्द के कारण:

वाक्य में अनुपयुक्त शब्द प्रयुक्त हो जाने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है अतः अनुपयुक्त शब्द हटाकर उस स्थान पर उपयुक्त शब्द का प्रयोग करना चाहिए।

  अशुद्ध वाक्य   शुद्ध वाक्य
कोहिनूर एक अमूल्य हीरा है। कोहिनूर एक बहुमूल्य हीरा है।
सीता राम की स्त्री थी। सीता राम की पत्नी थी।
वह दही जमा रही है। वह दूध जमा रही है।
रातभर गधे भांकैते रहे। रातभर कुत्ते भौंकते रहे।
बन्दूक एक शस्त्र है। बन्दूक एक अस्त्र है।
आकाश में तारे चमक रहे हैं। आकाश में तारे टिमटिमा रहे हैं।
आकाश में झण्डा लहरा रहा है। आकाश में झण्डा फहरा रहा हैं।
उसकी भाषा देवनागरी है। उसकी लिपि देव नागरी है।
उसके गले में बेड़ियाँ पड़ गई। उसके पैरों में बेड़ियाँ पड़ गई।
साहित्य व समाज का घोर संबंध है। साहित्य व समाज का घनिष्ठ संबंध है।
हाथी पर काठी बाँध दो। हाथी पर हौदा रख दो।
चिन्ता एक भयंकर व्याधि है। चिन्ता एक भयंकर आधि है।
गगन बहुत ऊँचा है। गगन बहुत विशाल है।
राष्ट्रपति ने पुरस्कार भेंट किए। राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्रदान किए।
कृपया मेरी सौभाग्यवती कन्या के विवाह में पधारें। कृपया मेरी सौभाग्याकांक्षिणी कन्या के विवाह में पधारें।
वह पाँव से जूता निकाल रहा है। वह पाँव से जूता उतार रहा है।
उसे अपनी योग्यता पर अहंकार है। उसे अपनी योग्यता पर गर्व है।
कृष्ण ने कंस की हत्या की। कृष्ण ने कंस का वध किया।
विख्यात आतंकवादी मारा गया। कुख्यात आतंकवादी मारा गया।

 

लिंग सम्बन्धी

वाक्य में प्रयुक्त शब्द के अनुसार उचित लिंग का प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
यह एकांकी बहुत अच्छी है। यह एकांकी बहुत अच्छा है।
मेरे मित्र की पत्नी विद्वान है। मेरे मित्र की पत्नी विदुषी है।
बेटी पराये घर का धन होता हैं। बेटी पराये घर का धन होती है।
सत्य बोलना उसकी आदत था। सत्य बोलना उसकी आदत थी।
मीरां एक प्रसिद्ध कवि थी। मीरां एक प्रसिद्ध कवयित्री है।
बुआजी आप क्या कर रहे हैं? बुआजी आप क्या कर रही हैं?
आत्मा अमर होता है। आत्मा अमर होती है।
सेनापति को प्रणाम करनी पड़ती है। सेनापति को प्रणाम करना पड़ता है।
ब्रह्मपुत्र असम में बहता है। ब्रह्मपुत्र असम में बहती है।
वह स्त्री नहीं मूर्तिमन्त करुणा हैं। वह स्त्री नहीं मूर्तिमयी करुणा हैं।
जया एक बुद्धिमान बालिका है। जया एक बुद्धिमती बालिका हैं।
उसका ससुराल जयपुर में है। उसकी सुसराल जयपुर में है।
तूफान मेल तेजी से आ रही है। तूफान मेल तेज़ी से आ रहा है।
गंगा पतितपावन नदी है। गंगा पतित पावनी नदी है।
रामायण हमारी भक्तिग्रंथ है। रामायण हमारा भक्तिग्रंथ है।
उसके हाथ की वस्तु आम थी। उसके हाथ की वस्तु आम था।
वह अपने धुन में जा रहा है। वह अपनी धनु में जा रहा है।

 

वचन सम्बन्धी
  • हिन्दी में कुछ शब्द सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं अतः उनका उचित बोध न होने पर तथा कर्त्ता एवं कर्म के वचन के अनुसार क्रिया प्रयुक्त न होने पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
वह दृश्य देख मेरी आंख में आँसू आ गया। वह दृश्य देख मेरी आंखों में आँसू आ गये।
वृक्षों पर कौवा बोल रहा है। वृक्ष पर कौवा बोल रहा है।
यह मेरा ही हस्ताक्षर है। ये मेरे ही हस्ताक्षर हैं।
आज आपका दर्शन हो गया। आज आपके दर्शन हो गये।
अभी तीन बजा है। अभी तीन बजे हैं।
यह दस रुपया का नोट है। यह दस रुपये का नोट है।
प्रत्येक घोड़े तेज गति वाले नहीं होते। प्रत्येक घोड़ा तेज गति वाला नहीं होता।
हिन्दी और अंग्रेजी मेरी भाषा है। हिन्दी और अंग्रेजी मेरी भाषाएँ है।
प्यास के मारे उसका प्राण निकल गया। प्यास के मारे उसके प्राण निकल गये।
माँ मेरे मामे के घर गयी है। माँ मेरे मामा के घर गयी हैं।
दिल्ली में चार गिरफ्तारी हुईं। दिल्ली में चार गिरफ्तारियां हुईं।
विधि का नियम बड़ा कठोर होता है। विधि के नियम बड़े कठोर होते हैं।
नवरस में शृंगार का प्रधान स्थान है। नवरसों में शृंगार का प्रधान स्थान है।
उसकी भुजाएँ घुटने तक लम्बी हैं। उसकी भुजाएँ घुटनों तक लम्बी हैं।
अब आप पढ़ों। अब आप पढ़िये।

 

  1. आम और कलम शब्द संज्ञा है। 16. आम और कलम शब्द संज्ञाएं हैं।
  2. शहर प्रायः गन्दा होता है। 17. शहर प्रायः गन्दे होते हैं।
  3. किन्हीं दो पर टिप्पणी लिखों 18. किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखो।
  4. हिमालय पर्वत का राजा है। 19. हिमालय पर्वतों का राजा है।
  5. मैंने अनेकों कहानियाँ पढ़ीं। 20. मैंने अनेक कहानियाँ पढ़ीं।

 

क्रम भंग सम्बन्धी

वाक्य रचना के आधार पर शब्द के उचित स्थान पर प्रयुक्त न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

 अशुद्ध वाक्य  शुद्ध वाक्य
यहाँ पर शुद्ध गाय का घी मिलता है। यहाँ पर गाय का शुद्ध घी मिलता है।
अधिकतर हिन्दी के लेखक निर्धन हैं। हिन्दी के अधिकतर लेखक निर्धन हैं।
हनुमान पक्के राम के भक्त थे। हनुमान राम के पक्के भक्त थे।
कुत्ते को राम डण्डे से मारता है। राम डण्डे से कुत्ते को मारता है।
हवा ठण्डी चल रही है। ठण्डी हवा चल रही है।
शीतल गन्ने का रस पीजिए। गन्ने का शीतल रस पीजिए।
एक खाने की थाली लगाओ। खाने की एक थाली लगाओ।
स्वामी दयानन्द का देश आभारी रहेगा। देश स्वामी दयानन्द का आभारी रहेगा।
उपयोजना मंत्री आज आयेंगे। योजना उपमंत्री आज आयेंगे।
अध्यापक जी भूगोल छात्रों को पढ़ा रहे हैं। अध्यापक जी छात्रों को भूगोल पढ़ा रहे हैं।
आपको मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं आपको कुछ नहीं कह सकता।
सीता के गले में एक मोतियों का हार है। सीता के गेल में मोतियों का एक हार है।
वे पुराने कपड़े के व्यापारी हैं। वे कपडे़ के पुराने व्यापारी हैं।
कई रेलवे के कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई। रेलवे के कई कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई।
मैंने बहते हुए पत्ते को देखा। मैंने पत्ते को बहते हुए देखा।
वास्तव में तुम चतुर हो। तुम वास्तव में चतुर हो।
बच्चे को धोकर फल खिलाओ। फल धोकर बच्चे को खिलाओ।
बैर अपनों से अच्छा नहीं। अपनों से बैर अच्छा नहीं।
वहाँ मुफ्त आँखों का आपरेशन होगा। वहाँ आँखों का मुफ्त आपरेशन होगा।

 

कारक सम्बन्धी
  • वाक्य में प्रयुक्त कारक के अनुसार उचित विभक्ति न लगने से, अनावश्यक विभक्ति लगने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
पाँच बजने को दस मिनट है। पाँच बजने में दस मिनट हैं।
उसके सिर में घने बाल है। उसके सिर पर घने बाल हैं।
देशभक्त बड़ी बड़ी यातनाओं को सहते हैं। देशभक्त बड़ी-बड़ी यातनाएँ सहते हैं।

 

  1. अपने बच्चे चरित्रवान् बनाओ। 4. अपने बच्चों को चरित्रवान् बनाओ
  2. दवा रोग को समूल से नष्ट करती है। 5. दवा रोग को समूल नष्ट करती है।
  3. अपराधी को रस्सी बाँधकर ले गए। 6. अपराधी को रस्सी से बाँधकर ले गये।
  4. मेरी राय से आप चले जाइए। 7. मेरी राय में आप चले जाइए।
  5. उसने पत्नी का गला घोंट कर मार डाला। 8. उसने पत्नी का गला घोंट डाला।
  6. बन्दर पेड़ में बैठे हैं। 9. बन्दर पेड़ पर बैठे हैं।
  7. सीता घर नहीं है। 10. सीता घर पर नहीं है।
  8. उसकी दृष्टि चित्र में गड़ी थी। 11. उसकी दृष्टि चित्र पर गड़ी थी।
  9. उसने न्यायाधीश को निवेदन किया। 12. उसने न्यायाधीश से निवेदन किया।
  10. आजकल राजनीति में अपराधी करण हो गया है। 13. आजकल राजनीति का अपराधी करण हो गया है।
  11. वह बाजार में सब्जी लाने गया। 14. वह बाजार से सब्जी लाने गया।
  12. राम आज स्कूल से अनुपस्थित हैं। 15. राम आज स्कूल में अनुपस्थित है।
  13. आज संसद में बजट के ऊपर बहस होगी। 16. आज संसद में बजट पर बहस होगी।
  14. गुरुजी के ऊपर श्रद्धा रखें। 17. गुरु जी के प्रति श्रद्धा रखे।
  15. यह ग्रंथ विद्वतापूर्ण लिख गया है। 18. यह ग्रंथ विद्वता से लिखा गया है।
  16. जनता ने सैनिकों को उपहार भेजे। 19. जनता ने सैनिकों के लिए उपहार भेजे।
  17. आम को खूब पका होना चाहिए। 20. आम खूब पका होना चाहिए।
सर्वनाम सम्बन्धी
  • सर्वनाम के सही रूप में प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
  1. मैंने आज अजमेर जाना है। 1. मुझे आज अजमेर जाना है।
  2. तमु तुम्हारा काम करो। 2. तुम अपना काम करो।
  3. मेरे को सौ रुपये की आवश्यकता हैं। 3. मुझे सौ रुपये की आवश्यकता है।
  4. राम थककर उसके घर में सो गया। 4. राम थककर अपने घर में सो गया।
  5. यह काम तेरे से नहीं होगा। 5. यह काम तुझसे नहीं होगा।
  6. मैं उनको मिल कर प्रसन्न हुआ। 6. मैं उनसे मिलकर प्रसन्न हुआ।
  7. सबों ने मान लिया कि पृथ्वी घूमती है। 7. सभी ने मान लिया कि पृथ्वी घूमती है।
  8. अपन ठीक रास्ते पर हैं। 8. हम ठीक रास्ते पर हैं।
  9. तेरे को कहाँ जाना है? 9. तुम्हें कहाँ जाना है?
  10. मेरे को पता नहीं वह कहाँ गया? 10. मुझे पता नहीं वह कहाँ गया?
  11. आपका उत्तर मुझ से अच्छा है। 11. आपका उत्तर मेरे उत्तर से अच्छा है।
  12. हम हमारी कक्षा में गये। 12. हम अपनी कक्षा में गये।
  13. हमारे वाला मकान खाली है। 13. हमारा मकान खाली है।
  14. वह आपको और मुझ को देखकर भाग गया। 14. वह आप और मुझे देखकर भाग गया।
  15. तुम्हारे से कोई काम नहीं हो सकता। 15. तुमसे कोई काम नहीं हो सकता।
  16. हमको सबको देश पर मर मिटना है। 16. हम सब को देश पर मर मिटना है।
  17. पिताजी ने मुझको कहा। 17. पिताजी ने मुझे कहा।
  18. मेरे को यह रुचिकर नहीं। 18. मुझे यह रुचिकर नहीं।
  19. आप और मैंने मिलकर यह काम किया। 19. आपने और मैंने मिलकर यह काम किया।
  20. मेरे को दो निबन्ध लिखने हैं। 20. मुझे दो निबन्ध लिखने हैं।
क्रिया सम्बन्धी
  • सही क्रिया रूप प्रयुक्त न होने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
  1. मैंने तुम्हारी बहुत प्रतीक्षा देखीं। 1. मैंने तुम्हारी बहुत प्रतीक्षा की।
  2. यह आप पर निर्भर करता है। 2. यह आप पर निर्भर है।
  3. सर्वत्र आधुनिकीकरण करना ठीक नहीं। 3. सर्वत्र आधुनिकीकरण ठीक नहीं।
  4. राम ने गुरूजी से प्रश्न पूछा। 4. राम ने गुरुजी से प्रश्न किया।
  5. प्रस्तुत पंक्तियां ‘भाभी’ पाठ से ली हैं। 5. प्रस्तुत पंक्तियां ‘भाभी’ पाठ सेली गई हैं।
  6. आप आम खाके देखों। 6. आप आम खाकर देखें।
  7. अब तुम जाइये। 7. अब तुम जाओ। अब आप जाइये।
  8. मेरे नौकर ने नौकरी त्याग दी। 8. मेरे नौकर ने नौकरी छोड़ दी।
  9. वह क्या करना माँगता है? 9. वह क्या करना चाहता है?
  10. उसने मुझे गाली निकाली। 10. उसने मुझे गाली दी।
  11. गत रविवार वह जोधपुर जायेगा। 11. गत रविवार वह जोधपुर गया।
  12. हम रात में भोजन खाते हैं। 12. हम रात में भोजन करते हैं।
  13. राम को यहाँ आने के लिए बोल दो। 13. राम को यहाँ आने के लिए कह दो।
  14. तुम्हारे गये पर जया आइ थी। 14. तुम्हारे जाते ही जया आई थी।
  15. नदी पार हो गई। 15. नदी पार कर ली गई।
  16. बालक मिठाई और दूध पी कर सो गया। 16. बालक मिठाई खाकर और दूध पी कर सो गया।
  17. गुरु जी ने शिष्य को आशीर्वाद प्रदान किया। 17. गुरु जी ने शिष्य को आशीवार्द दिया।
  18. भीतर प्रवेश करना निषेध है। 18. प्रवेश निषेध है।
  19. गाँधी जी को भुलाया नहीं जा सकता। 19. गाँधीजी को भूला नहीं जा सकता।
  20. उसने क्या संकल्प लिया? 20. उसने क्या संकल्प किया?

मुहावरे के कारण

  • मुहावरे का सही प्रयोग न होने या उसमें पाठान्तर होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
  1. प्रधानमंत्री ने देश का धुआँधार दौरा किया। 1. प्रधानमंत्री ने देश का तूफानी दौरा किया।
  2. पानी पीकर नाम पूछना निरथर्क हैं 2. पानी पीकर जात पूछना निरथर्क है।
  3. प्रेम करना तलवार की नोंक पर चलना है। 3. प्रेम करना तलवार की धार पर चलना है।
  4. दुश्मनों ने हथियार रख दिये। 4. दुश्मनों ने हथियार डाल दिये।
  5. आजकल भ्रष्टाचार के बाजार गर्म हैं। 5. आजकल भ्रष्टाचार का बाजार गर्म है।
  6. चोरी करते पकड़े जाने पर, उस पर घड़ों पानी गिर गया। 6. चोरी करते पकडे़ जाने पर, उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
  7. कुसंगति से उस के तन पर कालिख पुत गई। 7. कुसंगति से उसके मुख पर कालिख पुत गई।
  8. युग परिवर्तन का बीड़ा कौन चबाता है? 8. युग परिवर्तन का बीड़ा कौन उठाता है?
  9. तेरी बातें सुनते सुनते मेरे कान भर गये। 9. तेरी बातें सुनते सुनते मेरे कान पक गये।
  10. मेरे तो सॉस में दम आ गया। 10. मेरे तो नाक में दम आ गया।
संयोजक शब्द सम्बन्धी
  • सही संयोजक शब्द नहीं लगाने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
  1. यदि वह रुपया, माँगता, तब मैं अवश्य देता। 1. यदि वह रुपया माँगता तो मैं अवश्य देता।
  2. जैसा मोहन ने लिखा, जैसा तुम भी लिखो। 2. जैसा मोहन ने लिखा, वैसा तुम भी लिखो।
  3. जब राम ने लंका में प्रवेश किया तो बन्दरों ने बहुत आनन्द मनाया। 3. जब राम ने लंका में प्रवेश किया तब बन्दरों ने बहुत आनन्द मनाया।
  4. यद्यपि उसने उद्योग किया, पर उसे सफलता नहीं मिली। 4. यद्यपि उसने उद्योग किया, तथापि उसे सफलता नहीं मिली।
  5. जैसा लिखो, जैसा मोहन ने लिखा। 5. ऐसा लिखो, जैसा मोहन ने लिखा।
  6. जैसा बोओगे, उसी प्रकार काटोगें। 6. जैसा बोओगे, वैसा काटोगे।
  7. ज्यों ही मैं पहुंचा, वह उठ गया। 7. ज्यों ही मैं पहुंचा, त्यों ही वह उठ गया।
  8. यह काम करो नहीं तो अपने घर जाओ। 8. यह काम करो या अपने घर जाओ।
  9. क्योंकि वह मोटा है अतः वह धीरे चलता है। 9. क्योंकि वह मोटा है इसलिए वह धीरे चलता है।
  10. आप इसी समय रवाना हो जाइये, क्योंकि आप को गाड़ी मिल जाय। 10. आप इसी समय रवाना हो जाइये, ताकि आपको गाड़ी मिल जाय।

अशुद्ध वर्तनी के कारण

  • वाक्य में प्रयुक्त अशुद्ध वर्तनी से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।
  1. ताजमहल की सौन्दर्यता अनुपम है। 1. ताजमहल का सौन्दर्य अनुपम है।
  2. महात्मा के सदोपदेश सुनने चाहिए। 2. महात्मा के सदुपदेश सुनने चाहिए।
  3. ‘कामायनी’ के रचियता प्रसाद है। 3. कामायनी के रचयिता प्रसाद हैं।
  4. पूज्यनीय पिताजी आ रहे है। 4. पूजनीय पिताजी आ रहे हैं।
  5. पधार कर अनुग्रहीत करें 5. पधार कर अनुगृहीत करें।
  6. देश की दुरावस्था शोचनीय है। 6. देश की दुरवस्था शोचनीय है।
  7. व्यक्ति यौवनावस्था में भूलें करता है। 7. व्यक्ति यौवन में भूलें करता है।
  8. यहाँ श्रृंगार सामग्री मिलती है। 8. यहाँ शृंगार सामग्री मिलती है।
  9. मन्त्री-मण्डल की बठैक आज होगी। 9. मंत्रिमंडल की बैठक आज होगी।
  10. मैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। 10. मैं आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder