राष्ट्रीय आय

किसी भी देश के नागरिकों द्वारा एक निश्चित समयावधि में उत्पादित अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का मूल्य राष्ट्रीय उत्पाद कहलाता है। राष्ट्रीय उत्पाद की धारणा स्टॉक से संबंधित है। राष्ट्रीय आय से अभिप्राय एक राष्ट्र की एक वर्ष में आर्थिक क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पादित अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के योग से होता है। राष्ट्रीय आय में उन Read more…

भारत में धन-निष्कासन के परिणाम

महादेव गोविन्द रानाडे के अनुसार ‘‘राष्ट्रीय पूंजी का एक-तिहाई हिस्सा किसी-न-किसी रूप में ब्रिटिश शासन द्वारा भारत के बाहर ले जाया जाता है।’ भारत पर ब्रिटेन के आर्थिक नियन्त्रण का सबसे पहला परिणाम यह हुआ कि परम्परागत भारतीय हस्तशिल्प उद्योग समाप्त होते चले गये। भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में इस Read more…