- धरातल पर तापमान का असमान वितरण पाया जाता है। वायु गर्म होने पर फैलती है और ठंडी होने पर सिकुड़ती है। इससे वायुमंडलीय दाब में भिन्नता उत्पन्न होती है। इसी के परिणामस्वरूप वायु गतिमान होकर अधिक दाब वाले क्षेत्रों से न्यून दाब वाले क्षेत्रों में प्रवाहित होती है।
- क्षैतिज रूप से अभिगमन करने वाली वायु को ही ‘पवन’ कहते हैं।
- सामान्यतया लघु क्षेत्र में सीमित तथा स्थानीय दशाओं से उत्पन्न हवाओं को ‘स्थानीय पवन’ कहते है।
- स्थानीय पवनें लघु क्षेत्रों तक सीमित होती हैं परन्तु कभी-कभी ये हज़ारों किमी की तथा स्थानीय दूरी तय कर लेती है।
उदाहरण –
- कनाडा के आर्कटिक क्षेत्र से उत्पन्न होकर ध्रुवीय इंडी हवाएं संयुक्त राज्य अमेरिका के सुदूर दक्षिणी भाग में मैंक्सिको की खाड़ी के तटीय भागों में पहुंच जाती है, जिससे इन क्षेत्रों का तापमान हिमांक से भी नीचे चला जाता है।
स्थानीय पवनों को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –
- क. दैनिक स्थानीय पवन एवं
- ख. क्षेत्रीय अथवा प्रादेशिक स्थानीय पवन।
- प्रादेशिक स्थानीय पवन को पुनः शीत एवं गर्म स्थानीय पवनों में विभाजित किया जा सकता है।
क. दैनिक स्थानीय पवन (Periodic Local Winds)
- दैनिक स्थानीय पवनों के अंतर्गत स्थलीय एवं जलीय समीर तथा पर्वतीय एवं घाटी समीर आते हैं।
समुद्री एवं स्थलीय समीर (Mountain and Valley Breez)
- ऊष्मा के अवशोषण तथा स्थानांतरण में स्थल एवं समुद्र मं भिन्नता पाई जाती है।
- दिन में स्थल भाग समुद्र की अपेक्षा अधिक गर्म हो जाते हैं। अतः स्थल पर हवाएं संवहनीय गति करती हैं तथा निम्न दाब क्षेत्र का निर्माण होता है जबकि समुद्र अपेक्षाकृत ठंडे रहते हैं और वहां उच्च वायुदाब बना रहता है।
- इससे समुद्र से स्थल की ओर दाब प्रवणता उत्पन्न होती है और पवनें समुद्र से स्थल की ओर ‘समुद्री समीर’ के रूप में प्रवाहित होती है।
- रात्रि में इसके एकदम विपरीत प्रतिक्रिया होती है तथा दाब प्रवणता स्थल से समुद्र की तरफ होने पर ‘स्थल समीर’ प्रवाहित होता है।
पर्वत तथा घाटी समीर
- दिन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में ढाल गर्म हो जाते हैं जिससे वायु ढाल के साथ ऊपर उठती है और इस स्थान को भरने के लिए वायु घाटी से बहने लगती है, इन पवनों को ‘घाटी समीर’ कहते हैं।
- रात्रि में पर्वतीय ढाल ठंडे हो जाते हैं और सघन वायु घाटी में नीचे उतरती है जिससे ‘पर्वतीय समीर’ कहते हैं।
असामयिक स्थानीय पवनें
- प्रतिदिन दैनिक पवन परिसंचरण वाली स्थानीय पवनों को छोड़कर उन सभी पवनों को ‘असामयिक स्थानीय पवन’ कहते हैं जिनकी उत्पत्ति विभिन्न भौगोलिक काराकों के कारण होती है।
- तापीय विशेषताओं के आधार पर कुछ प्रमुख स्थानीय पवनों का विवरण निम्नानुसार है –
गर्म स्थानीय पवन
- चिनूक – संयुक्त राज्य अमरीका, कनाड़ा
- फॉन – यूरोप
- सांता अना – कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमरीका)
- हरमट्टन – सहारा रेगिस्तान (दक्षिणी अफ्रीका)
- सिरोको – सहारा रेगिस्तान की ओर से भूमध्य सागर की ओर
- लू – उत्तर भारत, पाकिस्तान
- ब्लैक रोलर – संयुक्त राज्य अमेरिका
- नारवेस्टर – न्यूजीलैंड (इसी प्रकार की पवन भारत व बांग्लादेश में भी चलती है। यहां इसे काल बैसाखी भी कहते है।)
- यामो- जापान
- ट्रैमोण्टेन – मध्य यूरोप
- जोण्डा – अर्जेन्टीना
- हबूब – दक्षिणी सहारा
- लेस्ट – मडीरा व कैनरी द्वीप
- खमसीन – उत्तरी अफ्रीका व अरब प्रायद्वीप
- ब्रिकफील्डर – ऑस्ट्रेलिया
- शामल – फारस की खाड़ी
- गिबली – लीबिया
ठंडी स्थानीय पवन
- पुर्गा – रूसी टुंड्रा
- बाइस – फ्रांस की एक अति ठंडी हवा
- लेवेंटर – दक्षिणी स्पेन एवं मोरक्को
- पैम्पेरो – दक्षिणी अमेरिका का पम्पाज क्षेत्र
- बुरान – साइबेरिया की अत्यंत सर्द हवा
- मिस्ट्रल – स्पेन व फ्रांस
- ब्लिजर्ड – उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र
- फ्रायगेम – अमेजन घाटी
- माएस्ट्रो – एड्रियाटिक सागर के उत्तर में
- खाजरी – अजरबैजान
- कोसावा –सर्बिया
निम्न में से कौनसी ठंडी स्थानीय हवा नहीं है?
अ. मिस्ट्रल। ब. खमसिन
स. बोरा। द. ब्लिजार्ड
उत्तर- ब