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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड

Securities and Exchange Board of India- SEBI
  1. प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के हितों का संरक्षण तथा प्रतिभूति बाजार को उचित उपायों के माध्यम से विनियमित एवं विकसित करना।
  2. स्टॉक एक्सचेंजों तथा किसी भी अन्य प्रतिभूति बाजार के व्यवसाय का नियमन करना।
  3. स्टॉक ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, शेयर ट्रान्सफर एजेन्ट्स, ट्रस्टीज, मर्चेंट ब्रैंकर्स, अण्डर-राइटर्स, पोर्टफोलियों मैनेजर आदि के कार्यों का नियमन करना एवं उन्हें पंजीकृत करना।
  4. म्यूचुअल फण्ड की सामूहिक निवेश योजनाओं को पंजीकृत करना तथा उनका नियमन करना।
  5. प्रतिभूतियों के बाजारों से सम्बन्धित अनुचित व्यापार व्यवहारों को समाप्त करना।
  6. प्रतिभूति बाजार से जुडे लोगों को प्रशिक्षित करना तथा निवेशकों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
  7. प्रतिभूतियों की इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाना।
भारत में वायदा कारोबारः
  1. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स)- मुम्बई
  2. नेशनल कमोडिटी एण्ड डेराइवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स)- मुम्बई, 2003
  3. नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई)- अहमदाबाद, 2002
  4. इण्डियन कमोडिटी एक्सचेंज – गुडगांव, 2009
इनसाइड ट्रेकडंग का क्या आशय है?
  • उत्तर. शेयर बाजार से सम्बन्धित वह अवैध कार्य हैं जिसमें किसी कम्पनी के कर्मचारी या कोई सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा आन्तरिक सूचनाओं का उपयोग करके शेयर ट्रेडिंग किया जाता है।
  • क्रिसिल, केयर तथा इक्रा तीनों भारत की क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां है।
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