सामाजिक सुधार अधिनियम
- भारतीय समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ प्राचीनकाल से ही आवाज एवं प्रतिबंध लगाए गए। इन कुप्रथाओं पर ब्रिटिश काल में ज्यादा सख्ती से सुधार लागू किए गए थे। इन सुधारों में सती प्रथा, दास प्रथा, कन्यावध और बालविवाह प्रमुख थे।
शिशु वध प्रतिबंध
- 1795 और 1804 ई. में सर जॉन शोर 1795, लॉर्ड वेलेजली 1804
- शिशु हत्या को साधरण हत्या माना जाने वाला
सती प्रथा पर प्रतिबंध
- 1829 लॉर्ड विलियम बेंटिक सती प्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध।
दास प्रथा
- दास प्रथा पर प्रतिबंध 1843 लॉर्ड एलनबरो दासता को प्रतिबंधित कर दिया गया।
विधवा पुनर्विवाह अधिनियम
- 1856 लॉर्ड कैनिंग
- विधवा पुनर्विवाह की अनुमति।
सिविल मैरिज एक्ट
- 1872, लॉर्ड नॉर्थब्रुक
- इस अधिनियम के द्वारा लड़कियों के विवाह की निम्नतम आयु 14 वर्ष और लड़कों की 18 वर्ष निर्धरित की गई।
- सम्मति आयु अधिनियम (ऐज ऑफ़ कन्सेट एक्ट) 1891 लॉर्ड लैंसडाउन लड़की के लिये विवाह-योग्य आयु 12 वर्ष निर्धारित की गई।
शारदा अधिनियम 1929 लॉर्ड इरविन
- लड़की के लिये विवाह-योग्य आयु 14 वर्ष तथा लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित।
हिंदू महिला संपत्ति अधिनियम
- 1937 लॉर्ड लिनलिथगो हिंदू महिलाओं को संपत्ति का अधिकार।