राज्य वित्त निगम अधिनियम, 1951 के तहत 17 जनवरी, 1955 को राजस्थान वित्त निगम की स्थापना की गई।
मुख्यालय : उद्योग भवन, जयपुर
अधिकृत पूंजी : 100 करोड़ रुपये
कार्य: —
राज्य की अति लघु, लघु व मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को दीर्घकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करना।
राज्य के तीव्र औद्योगिकरण में सहयोग देना तथा औद्योगिक गति को नया आयाम देना।
स्थापित उद्योगों को के विस्तारीकरण तथा नवीनीकरण हेतु ऋण उपलब्ध कराना।
राज्य सरकार के अभि​कर्ता की भूमिका के रूप में कार्य करना।

प्रमुख कार्य:
निगम द्वारा औद्योगिक इकाइयों को 2000 रुपये से लेकर 20 करोड़ रुपये तक के ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं। निगम द्वारा उद्योग स्थापित करने हेतु भूमिक्रय, भवन निर्माण यंत्र—संयंत्र खरीदने, ब्रिज लोन एवं कार्यशील पूंजी हेतु ऋण प्रदान किया जाता है।

ऋणों की गारंटी देना।
अंशों व ऋणपत्रों का अभिगोपन करना।
उपकरण पुनर्वित्त प्रदान करना।
औद्योगिक इकाइयों को ऋण स्वीकृत करने हेतु केन्द्र सरकार, राज्य सरकार आईडीबीआई व आईएफसीआई के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना।

राजस्थान वित्त निगम द्वारा उद्योगों की स्थापना हेतु संचालित की जा रही मुख्य ऋण योजनाएं—

  1. शिल्पबाड़ी योजना —
    ग्रामीण व शहरी शिल्पियों व दस्तकारों की सहायतार्थ प्रारंभ की गई योजना।
  2. महिला उद्यम निधि योजना —
    महिला उद्यमियों को अति लघु, लघु औद्योगिक या सेवादात्री इकाइयों (परिवहन इकाइयों के अलावा) की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रारंभ की गई योजना।
  3. सेमफेक्स योजना —
    भूतपूर्व सैनिकों को स्वरोजगार प्रदान करने हेतु उद्योगों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  4. सिल्वर कार्ड योजना —
    राजस्थान वित्त निगम के अच्छे ऋणी, जिन्होंने अपने पूर्व ऋणों का 50 प्रतिशत से अधिक ऋण चुका दिया हो, को आवश्यकता पड़ने पर ओर वित्तीय सहायता प्रदान कराने की योजना।
  5. गोल्ड कार्ड योजना —
    वित्त निगम के अच्छे ऋणी को कार्यशील पूंजी व अतिरिक्त परिसम्पत्तियों की खरीद हेतु 30 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने की योजना।
  6. प्लेटिनम कार्ड स्कीम —
    अच्छे ऋणी, जिन्होंने गोल्ड कार्ड या अन्य योजना के तहत ऋणों की दो वर्ष तक समय पर अदायगी की हैं, उन्हें पुन: तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ओर ऋण देने की योजना।
  7. टेक्नोक्रेट स्कीम
    इस योजना में तकनीकी योग्यता प्राप्त व्यक्तियों को स्वरोजगार हेतु 20 औद्योगिक परियोजनाएं स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।


1 Comment

Neeraj · June 25, 2022 at 6:28 am

Thank you sir …your efforts are so importent

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