देश में सुपर फॉस्फेट उर्वरक का पहला कारखाना 1906 ई. में तमिलनाडु के रानीपेट नामक स्थान पर स्थापित किया गया था।1944 ईस्वी में कर्नाटक के बेलेगुला नामक स्थान पर ‘मैसूर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स’ के नाम से अमोनिया उर्वरक का कारखाना तथा 1947 में अमोनियम सल्फेट का पहला कारखाना केरल के अलवाये नामक स्थान पर खोला गया।
देश में सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों में उर्वरक का उत्पादन किया जाता है। भारतीय उर्वरक निगम (फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया)-इसकी स्थापना 1951 में की गई। यह देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का निगम है। इसके अंतर्गत-1. सिन्दरी 3 इकाइयां, स्थापना 1951 में, एशिया का सबसे बड़ा उर्वरक संयंत्र,2. गोरखपुर उत्तर प्रदेश 3. रामागुंडम आंध्र प्रदेश 4. तलचर (ओडिशा) 5. ट्राम्बे, मुंबई
हिंदुस्तान उर्वरक निगम
इस निगम के अधीन स्थापित किए गए कारखाने हैं – बरौनी (बिहार- दो इकाइयां) नामरूप असम हल्दिया पश्चिम बंगाल
2009-10 में 4320 हजार टन नाइट्रोजन उर्वरकों का उत्पादन केवल भारत में हुआ था।