रामस्नेही सम्प्रदाय

  • रामस्नेही सम्प्रदाय (Ramsnehi Sampraday) के प्रवर्तक संत रामचरण दास जी थे।
  • इनका जन्म टोंक जिले के सोड़ा गांव में हुआ था।
  • इनका मूल नाम रामकिशन था।
  • इनके पिता बखाराम व माता देऊजी थी तथा वैश्य जाति के थे।
  • इन्होंने जयपुर महाराज के यहां मंत्री पद पर कार्य किया था।
  • दातंडा (मेवाड़) के गुरु कृपाराम से दीक्षा ली थी।
  • इनके द्वारा रचित ग्रन्थ अणभै वाणी है।
  • इनकी मृत्यु शाहपुरा (भीलवाड़ा) में हुई थी। यहीं पर रामस्नेही सम्प्रदाय की मुख्यपीठ है।
  • पूजा स्थल रामद्वारा कहलाते हैं तथा इनके पुजारी गुलाबी की धोती पहनते हैं।
  • ढाढ़ी-मूंछ व सिर पर बाल नहीं रखते हैं। मूर्तिपुजा नहीं करते थे।
  • इसके 12 प्रधान शिष्य थे जिन्होंने सम्प्रदाय का प्रचार-प्रसार किया।

रामस्नेही सम्प्रदाय की अन्य तीन पीठ

1. सिंहथल बीकानेर, प्रवर्तक – हरिदास जी
2. रैण (नागौर), प्रवर्तक – दरियाआब जी (दरियापथ)
3. खेडापा (जोधपुर), प्रवर्तक – संतरामदासजी