राजस्थान सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई नई योजना एं

राजस्थान सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई निम्न नई योजनाएं —

1. राजीव गांधी जल संचय योजना

प्रारंभ: 20 अगस्त, 2019 को
प्रदेश को सूखे की स्थिति और अकाल से उबारने के लिए

उद्देश्य:
इस योजना का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना।
विभिन्न वित्तीय संसाधनों का कन्वर्जेंस कर परम्परागत पेयजल/जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करना, नवीन जल स्रोतों का निर्माण करना एवं जल संरक्षण व वर्षा जल संग्रहण संरचनाओं की गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन।
गांवों में पेयजल की कमी को दूर करने हेतु पीने का पानी गांव/गांवों के नजदीक उपलब्ध करवाने के प्रयास करना।
भू-जल स्तर में वृद्धि करना एवं गिरते भू-जल के स्तर में कमी करना।
वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना।
सघन वृक्षारोपण कर राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाना।

योजना के माध्यम से पुराने कुओं, नाले, नदियों, जलाशयों एवं नहरों का जीर्णोद्धार एवं उनमें जल संवर्द्धन क्षमता में वृद्धि हेतु कार्य योजना बनाकर सफाई की जा रही है। टांके एवं जल कुण्डों के निर्माण में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

योजना के प्रथम चरण में 1450 ग्राम पंचायतों में 4029 गांव शामिल किए गए हैं

2. निरोगी राजस्थान

प्रारंभ: 18 दिसंबर, 2019 को
योजना का उद्देश्य: प्रदेश के आमजन अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और रोगों से बचाव के प्रति जागरूक हो, जिससे वे बीमार ही न पड़े।

शहरी क्षेत्रों में जनता क्लिनिक के माध्यम से गरीब व जरूरतमंद परिवारों को घर के नजदीक ही चिकित्सा सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।

3. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

प्रारंभ: 1 मई, 2021 से
प्रदेश के हर परिवार को कैशलेस इलाज उपलब्ध करवाने के लिए
इस योजना के तहत पंजीकृत परिवारों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
इस योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए जन आधार कार्ड अनिवार्य है।
इस योजना में 756 सरकारी एवं 433 प्राइवेट अस्पताल जुड़ चुके हैं।

4. इंदिरा रसोई योजना

20 अगस्त, 2020 को ‘इंदिरा रसोई योजना’ की शुरूआत की।
कोरोना महामारी की पहली लहर में ‘कोई भूखा न सोये’ की संकल्पना को पूरा करने के लिए गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपये में शुद्ध पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए जो प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में संचालित की जा रही है।
इसके तहत जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ बैठाकर भोजन खिलाया जा रहा है। इसके तहत कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान मरीजों एवं उनके परिवारों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करवाया गया।
अब तक 5 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया गया है।

5. इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना

प्रदेश में ‘इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना’ 18 दिसम्बर, 2019 से 31 मार्च, 2024 तक प्रभावी है।

प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा महिलाओं को औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्हें उद्योग स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए 1000 करोड़ रुपये से ‘इंदिरा महिला शक्ति निधि’ का गठन किया गया है।

इस निधि के गठन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को उद्यम (विनिर्माण, सेवा और व्यापार) की स्थापना, स्थापित उद्योग का विस्तार, आधुनिकीकरण के लिए बैंकों के माध्यम से अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध करवाना है। साथ ही इसके माध्यम से कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है और रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं।

6. इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना

प्रारंभ: 19 नवंबर, 2020 को
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की जयंती पर प्रदेश में दूसरे बच्चे के जन्म के समय गर्भवती महिलाओं और बच्चों को उचित पोषण उपलब्ध करवाने के लिए योजना प्रारंभ की।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं बच्चे को उचित पोषण उपलब्ध करवाना है।
इस योजना से प्रदेश की गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं तथा तीन वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाया जाएगा।
इस योजना के तहत दूसरी संतान के जन्म पर लाभार्थी महिलाओं को पांच चरणों में 6 हजार रुपए की राशि सीधा उनके बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।
यह योजना अभी प्रदेश के चार अत्यधिक पिछड़े टीएसपी जिलों उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर एवं प्रतापगढ़ और सहरिया बहुल जिला बारां में शुरू की गई है। इस योजना के क्रियान्वयन से इन जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों की पालना सुनिश्चित की जा सकेगी।

7. मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना

प्रारंभ: 17 जुलाई, 2021 को

प्रदेश के लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए
जिसके तहत कृषि उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर प्रति माह 1 हजार रुपये अथवा अधिकतम 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाएगा।

8. मुख्यमंत्री युवा संबल योजना

1 फरवरी, 2019 से ‘मुख्यमंत्री युवा संबल योजना’ शुरू की जिसके अंतर्गत प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को मिलने वाले बेरोजगारी भत्ता में बढ़ोतरी की और पहली बार ट्रांसजेण्डर वर्ग को भी महिलाओं में शामिल किया।

बेरोजगारी भत्ते के रूप में पहले पुरुषों को 650 रुपए मिलते थे जिसके स्थान पर अब 3000 रुपए प्रतिमाह, वहीं महिला एवं विशेष योग्यजनों को 750 रुपए के स्थान पर 3500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। यह राशि बेरोजगारों को अधिकतम दो वर्ष तक देने का प्रावधान है।

9. कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना

राज्य में कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना, 2020 प्रारंभ की गई है।
योजना का उद्देश्य
प्रदेश के राजकीय (राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों सहित) एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 12वीं तक नियमित छात्रा के रूप में अध्ययन करने एवं कक्षा 12वीं में अधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित एवं छात्राओं में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने तथा उच्च अध्ययन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से यह योजना राज्य में संचालित की जा रही है।

योजना में देय लाभ

योजना के अंतर्गत निम्नलिखित लाभ शामिल हैं-
स्कूटी, रजिस्ट्रेशन, छात्रा के नाम हस्तांतरण, परिवहन व्यय, एक वर्ष का सामान्य बीमा, पांच वर्षीय तृतीय पक्षकार बीमा, दो लीटर पेट्रोल (वितरण के समय एक बार) और एक हेलमेट। साथ ही स्कूटी के रजिस्ट्रेशन की दिनांक से 5 वर्ष से पूर्व स्कूटी का विक्रय/बेचान नहीं किया जा सकता है।

10. इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना

इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना-2021 को प्रदेश में लागू कर दिया गया है।

इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेण्डर्स तथा सर्विस सेक्टर के युवाओं एवं बेरोजगारों को स्वरोजगार एवं रोजमर्रा की जरूरतों के लिए आर्थिक संबल प्रदान किया जाएगा। योजना के माध्यम से लाभार्थियों को 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। यह योजना एक वर्ष के लिए लागू होगी।

इस योजना का लक्ष्य स्ट्रीट वेण्डर्स, अनौपचारिक क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले लोग जैसे हेयर ड्रेसर, रिक्शावला, कुम्हार, खाती, मोची, मिस्त्री, दर्जी इत्यादि एवं बेरोजगार युवाओं को आर्थिक रूप से संबल प्रदान कर पुर्नस्थापित करना है।

इस योजना के माध्यम से लाभार्थियों को व्यापारिक गतिविधियों के लिए बिना किसी गारंटी के ब्याज रहित माइक्रो-क्रेडिट की सुविधा प्रदान की जाएगी। राज्य के अनौपचारिक व्यापार क्षेत्र में काम करने वाले 5 लाख लाभार्थियों को इस योजना का फायदा मिलेगा।

योजना के मुख्य बिन्दु

लाभार्थी एक वर्ष के लिए अधिकतम 50 हजार रुपये का ऋण ले सकता है। इस ऋण के लिए किसी भी तरह की गांरटी की आवश्यकता नहीं होगी। यह ऋण लाभार्थियों के लिए ब्याज मुक्त होगा। इस योजना के अंतर्गत ब्याज हेतु का शत-प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार उपलब्ध करवाएगी।
लाभार्थी क्रेडिट कार्ड/एटीएम/डेबिट कार्ड से 50 हजार रुपये तक की राशि आवश्यकतानुसार दिनांक 31 मार्च 2022 तक एक/अधिक किश्तों में आहरित कर सकेगा।
ऋण राशि का पुनर्भुगतान चौथे से पंद्रहवें माह तक 12 समान मासिक किश्तों में किया जाएगा।
बैंक/वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण उपलब्ध करवाने के लिए किसी भी तरह का प्रक्रिया शुल्क नहीं लिया जाएगा।
योजना हेतु वेब पोर्टल के साथ मोबाइल ऐप के माध्यम से ऋण संबंधित आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
राजस्थान के 5 लाख लाभार्थियों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर ऋण सुविधा उपलब्ध करवायी जावेगी।
यह योजना राजस्थान के केवल शहरी क्षेत्रों में लागू होगी।

11. घर-घर औषधि योजना

1 अगस्त 2021 को प्रदेशभर में घर-घर औषधि योजना का शुभारंभ किया गया। इसके तहत जन-जन को औषधीय पौधों के प्रति जागृत करने का जन आंदोलन शुरू कर दिया है।
निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने की दिशा में शुरू की गई घर-घर औषधि योजना में वन विभाग द्वारा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सर्वाधिक कारगर तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधों का निःशुल्क वितरण के लिए चयन किया गया है
योजना के तहत वन विभाग की ओर से आगामी पांच वर्षों में प्रदेश के 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को 30 करोड़ से अधिक पौधे वितरित किए जाएंगे। इन पौधों को वन विभाग की पौधशालाओं में तैयार किया जाएगा जिस पर राज्य सरकार 210 करोड़ रुपये व्यय करेगी।
वर्ष 2021-22 के बजट में ‘घर-घर औषधीय योजना’ प्रारम्भ करने की घोषणा की गई थी।

12. राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त, 2021 को इस योजना की घोषणा की थी।
इसके तहत ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड एवं स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय जैसी दुनिया की नामचीन 50 संस्थानों से स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी एवं पोस्ट डॉक्टोरल स्तर पर अध्ययन के लिए 200 मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
विद्यार्थियों के यात्रा किराया, ट्यूशन फीस सहित सम्पूर्ण खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी।

13. मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की उच्च माध्यमिक परीक्षा की वरीयता सूची में प्रथम एक लाख ऐसे छात्र/छात्राओं को जिनके परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये तक हैं तथा जिन्हें कोई अनय छात्रवृत्ति अथवा प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही हैं, के लिए 500 रुपये प्रतिमाह (5 हजार रुपये वार्षिक) एवं प्रतिभावान दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने के लिए बजट घोषणा 2019—20 में एक हजार रुपये प्रतिमाह (10 हजार रुपये वार्षिक) छात्रवृत्ति भुगतान किए जाने की घोषणा की गई।

इस योजना का लक्ष्य निम्न छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना है:
नए एक लाख विद्यार्थी जो पात्रता पूर्ण करते हों।
ऐसे समस्त विद्यार्थी जिन्हें इस योजना के अंतर्गत पिछले वर्ष छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई थी तथा जो निरंतर नियमित रूप से उच्च शिक्षा के संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं।
यह योजना अल्प आय वर्ग के बच्चों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने एवं सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है।

योजना का उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य अल्प आय वर्ग के प्रतिभावान छात्र/छात्राओं की उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

योजना अंतर्गत लाभ

(अ) राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की उच्च माध्यमिक परीक्षा में वरीयता सूची में अल्प आय परिवारों के पात्र छात्र/छात्राओं को 500 रुपये प्रतिमाह जो एक वर्ष में 10 माह से अधिक नहीं हागा अर्थात अधिकतम 5 हजार रुपये वार्षिक भुगतान किया जाएगा।
(ब) इस योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत नियमित छात्र/छात्राओं को अधिकतम 5 वर्षों तक लाभ प्रदत्त किया जाएगा एवं यदि विद्यार्थी द्वारा 5 वर्ष पूर्व अध्ययन छोड़ दिया जाता है तो यह लाभ पूर्व वर्षों तक ही मान्य होगा।
(स) दिव्यांग पात्र विद्यार्थियों को 1000 रुपये प्रतिमाह जो एक वर्ष में 10 माह से अधिक नहीं होगा अर्थात अधिकतम 10 हजार रुपये वार्षिक भुगतान किया जाएगा। इस हेतु चिकित्सा विभाग द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से जारी 40 प्रतिशत दिव्यांगता प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा।

पात्रता

लाभान्वित पात्र छात्र/छात्राओं के अतिरिक्त इस योजना का लाभ उन छात्र/छात्राओं को देय होगा जो निम्न समस्त शर्तों की पूर्ति करते हों:
1. जिन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर से 12वीं की परीक्षा इस वर्ष न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की हो तथा जिन्होंने बोर्ड की वरीयता सूची में प्रथम एक लाख तक स्थान प्राप्त किया हो।
2. जिनके माता—पिता या अभिभावक की वार्षिक आय ढाई लाख (250000) रुपये तक हो।
3.
https://hte.rajasthan.gov.in/scholarship.php

14. उड़ान योजना

प्रदेश की सभी महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक करने एवं विभिन्न रोगों से बचाव के ‘उड़ान योजना’ का शुभारंभ 19 नवंबर, 2021 को किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट वर्ष 2021-22 में घोषणा कि थी कि प्रदेश की सभी महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना’ के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाएगी।
योजना के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
महिला स्वयं सहायता समूहों, सामाजिक तथा गैर सरकारी संस्थाओं आदि के माध्यम से महिला स्वास्थ्य संबंधी विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर 2 तथा जिला स्तर पर एक-एक ब्रांड एम्बेसेडर बनाए जाएंगे।
योजना से जुड़े स्वयंसेवी संगठनों, ब्रांड एम्बेसडर आदि को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पुरस्कार दिए जाएंगे।
सेनेटरी नैपकिन की व्यवस्था से संबंधी शिकायतें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर दर्ज करवाई जा सकेंगी, जिनका त्वरित समाधान उपलब्ध करवाया जाएगा।

राजस्थान स्वास्थ्य सेवाएं कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RMSCL) द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार नैपकिन की ‘मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना’ के अन्तर्गत खरीद की जाएगी।
स्कूल-कॉलेजों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों आदि के माध्यम से नैपकिन का मुफ्त वितरण किया जाएगा।

राजस्थान में 19 नवंबर, 2021 को शुरू हो रही ‘उड़ान योजना’ का नोडल विभाग है?
अ. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
ब. महिला एवं अधिकाारिता विभाग
स. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
द. सभी
उत्तर— ब

15. विद्या संबल योजना

विद्या संबल योजना के तहत राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों जैसे स्कूल, महाविद्यालयों, आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में विषय विशेषज्ञ अनुभवी व्यक्तियों को गेस्ट फैकल्टी के रूप में लगाए जाएंगे। जिससे इन संस्थानों में अध्ययनरत कमजोर छात्रों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए विशेषज्ञ अनुभवी गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से कठिन विषयों की कोचिंग जा सके।

प्रदेश में इस योजना को लागू करने के लिए 30 मार्च, 2021 को आदेश जारी कर दिए गये, ताकि शिक्षकों के रिक्त पद होने के कारण नियमित अध्यापन कार्य में बाधा न आए और छात्रों के शैक्षिक स्तर पर विपरीत प्रभाव न पड़े। गेस्ट फैकल्टी केवल स्वीकृत रिक्त पद के विरुद्ध ली जा सकेगी।

विभिन्न विद्यालय स्तरीय राजकीय छात्रावासों में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए एवं कठिन विषयों की कोचिंग प्रदान करने के लिए विद्या संबल योजना के तहत गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी विषयों के विशेषज्ञ व्यक्तियों की सेवाएं लेने के प्रस्ताव का अनुमोदन 6 जुलाई, 2021 को कर दिया है। साथ ही 5 करोड़ 7 लाख 75 हजार रुपये अतिरिक्त बजट प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।

प्रशासन गांवों के संग अभियान

2 अक्टूबर से 17 दिसम्बर, 2021 तक
प्रदेश की 352 पंचायत समितियों में कुल 11,341 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर शिविर आयोजित होंगे।
अभियान के दौरान 21 विभागों द्वारा आमजन से जुड़े विभिन्न कार्य सम्पादित किए जाएंगे।

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