राजस्थान में कृषि

राजस्थान में कृषि पर एक नजर

बुवाई क्षेत्रफल 2021-22 : 277.28 लाख हैक्टेयर
खरीफ : 161.29 लाख हैक्टेयर
रबी : 115.99 लाख हैक्टेयर
कुल किसानों की संख्या : 1,36,18,870
बड़ी जोतों की संख्या (कृषि गणना वर्ष 2015-16) : 3,58,757
लघु जोतों की संख्या : 16,77,372
सीमांत जोतों की संख्या : 30,70,873
मध्यम जोतों की संख्या : 11,31,440
अर्ध मध्यम जोतों की संख्या : 14,16,664
सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में स्थिर (2011-12) की कीमतों पर राज्य में कृषि एवं संबंधित विभागों का अग्रिम अनुमान के आधार पर हिस्सा (2021-22)
वर्ष 2021-22 में खाद्यान्न उत्पादन : 231.49 लाख टन

-क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 3.42 करोड़ हैक्टेयर (3,42,237 वर्ग किलोमीटर) है।
-राज्य का मुख्य व्यवसाय कृषि है।
-राज्य में खरीफ फसल उत्पादन मुख्यत: वर्षा पर निर्भर करता है।
-राज्य का उत्तरी-पश्चिमी भाग, जो कुल क्षेत्रफल का लगभग 61 प्रतिशत मरुस्थलीय है और वर्षा पर निर्भर है।
-राज्य का दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र, जो कुल क्षेत्रफल का लगभग 39 प्रतिशत है, उपजाऊ हैं इस क्षेत्र की मिट्टी काली या बलुई दोमट है।

राज्य को जलवायु के आधार पर निम्न प्रकार से 10 जलवायु क्षेत्रों में बांटा हुआ है-

1. शुष्क पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (IA)
इस जोन में बाड़मेर एवं जोधपुर जिले आते हैं। इस क्षेत्र की औसत वर्षा 200-370 मिलीमीटर होती है।

2. उत्तर-पश्चिमी सिंचित मैदानी क्षेत्र (IB)
इसे जोन में श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले आते हैं। इस क्षेत्र में औसत वर्षा 100-350 मिलीमीटर है।

3. अति शुष्क आंशिक सिंचित पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (IC)
इस जोन में जैसलमेर, बीकानेर एवं चूरू जिले का भाग आता है। इस क्षेत्र की औसत वर्षा 100-350 मिलीमीटर है।

4. अन्त: स्थलीय जलोत्सरण के अन्तर्वर्ती मैदानी क्षेत्र (IIA)
इस जोन में नागौर, सीकर, झुंझुनूं जिला एवं चूरू जिले का भाग सम्मिलित है तथा औसत वर्षा 300-500 मिलीमीटर है।

5. लूनी नदी का अन्तर्वर्ती मैदानी क्षेत्र (IIB)
इस जोन में जालौर, पाली एवं सिरोही तथा जोधपुर जिलों का भाग सम्मिलित है तथा औसत वर्षा 300-500 मिलीमीटर है।

6. अर्द्ध शुष्क पूर्वी मैदानी क्षेत्र (IIIA)
इस जोन में जयपुर, अजमेर, दौसा एवं टोंक का भाग सम्मिलित है तथा औसत वर्षा 500-700 मिलीमीटर है।

7. बाढ़ सम्भाव्य पूर्वी मैदानी क्षेत्र (IIIB)
इस जोन में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली तथा सवाई माधोपुर जिलों का भाग सम्मिलित है तथा औसत वर्षा 500-700 मिलीमीटर है।

8. अर्द्ध आर्द्र दक्षिणी मैदानी क्षेत्र (IVA)
इस जोन में भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ तथा उदयपुर एवं सिरोही जिलों का भाग सम्मिलित हैं तथा औसत वर्षा 500-900 मिलीमीटर है।

9. आर्द्र दक्षिणी मैदानी क्षेत्र (IVB)*
इस जोन में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जिले तथा उदयपुर व चित्तौड़गढ़ जिलों के भाग सम्मिलित हैं तथा औसत वर्षा 500-1100 मिलीमीटर है।

10. आर्द्र दक्षिणी पूर्वी मैदानी क्षेत्र (V)
इस जोन में कोटा, झालावाड़, बूंदी एवं बारां जिले तथा सवाई माधोपुर का भाग सम्मिलित हैं तथा औसत वर्षा 650-1000 मिलीमीटर है।

*जलवायु खण्ड (IVB) में ग्राहय परीक्षण केन्द्र कार्यरत नहीं है।
राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 8 साहित्य सेवियों को दिया जाएगा अमृत सम्मान 2022-23

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *