राजस्थान की कितनी तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन है?
-311 तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन

राजस्थान में 15 अक्टूबर को राजस्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी घोषणा राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने राजस्थान विधानसभा में 28 फरवरी, 2020 को राजस्व विभाग की बजट अनुदान मांगों पर अपने भाषण के दौरान की थी।

प्रदेश में 15 अक्टूबर, 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ था जिससे काश्तकारों को खातेदारी अधिकार संभव हुए थे। इस अधिनियम के लागू होने से प्रदेश के किसानों को भूमि का मालिकाना हक प्राप्त हुआ। जो एक ऐतिहासिक कदम था। राज्य सरकार लगातार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पूर्व में बाड़ों के लिए अस्थाई रुप से आंवटित की गई भूमि का स्थाई आंवटन किया गया है जिससे किसान उस भूमि का अब आवासीय या व्यावसायिक रुप में प्रयोग कर सकेंगे।

डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा

राजस्थान राज्य सरकार द्वारा राजस्व विभाग के कार्यों का डिजिटलाइजेशन किया गया है, प्रदेश के आमजन को काफी फायदा हो रहा है। अब घर बैठे ही भू-नामान्तरण, गिरादवरी रिपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, जमाबंदी और भू-नक्शे एक क्लिक पर प्राप्त कर सकते हैं।

15 अक्टूबर, 2021 को राजस्व दिवस के अवसर पर नवसृजित तीन तहसीलों करौली जिले की श्री महावीरजी, जोधपुर की सेतरावा और झुंझुनू की मण्डावा के भू-अभिलेखों का ई-लोकार्पण भी किया गया।

311 तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन

राजस्व विभाग राज्य प्रशासन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। विभाग लगातार प्रदेश के आमजन की सहूलियत के लिए राजस्व कार्यों का डिजिटलाइजेशन कर रहा है। राज्य की कुल 369 तहसीलों में से 311 तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा चुका है। ऑनलाइन तहसीलों की जमाबंदी की ई-हस्ताक्षरित नकल किसी भी ई-मित्र अथवा कंप्यूटर से प्राप्त की जा सकती है।