राजस्थान में पाये जाने वाले प्रमुख खनिज संपदा

  • अलौह धातु (सीसा, जस्ता, तांबा) के उत्पादन मूल्य की दृष्टि से भारत में राजस्थान पहले स्थान पर है।
  • देश में सर्वाधिक खानें राजस्थान में हैं।
    खनिजों की उपलब्धता की दृष्टि से राजस्थान में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद तीसरा बड़ा राज्य है।
  • देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का करीब 22 प्रतिशत योगदान है।
    देश के कुल खनिजों में 15 प्रतिशत धात्विक, 25 प्रतिशत अधात्विक और 30 प्रतिशत लघु श्रेणी के खनिजों में भी राजस्थान का योगदान है।
    खनिज भण्डारों की दृष्टि से राजस्थान का देश में झारखण्ड के बाद दूसरा स्थान है।
    राजस्थान के जीडीपी में खनन का योगदान करीब 5 प्रतिशत है।
  • राजस्व के अर्जन में खनिज विभाग का प्रदेश में पांचवां स्थान है।
प्रमुख खनिज पदार्थ

धात्विक खनिज

लौह अयस्कः

प्रमुख अयस्क- मेग्नेटाइट, हेमेटाइट, लीमोनाइट और सीडेराइट।
प्रमुख स्थानः
जयपुर- मोरीजा-बानोल
दौसा- नीमला-राइसेला, लालसोट क्षेत्र
झुंझुनूं- डाबला-सिंघाना
उदयपुर- नाथरा की पाल, थूर हुण्डेर
सीकर – नीमकाथाना, रामपुरा डाबला

तांबाः

झारखंड के बाद राजस्थान दूसरा स्थान।
तांबे के शोधन खेतड़ी में हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड में किया जाता है।
झुंझुनूं: खेतडी-सिंघाना देश की सबसे बडी खान, यहां ‘कोल्हन’ एक प्रमुख तांबा उत्पादक क्षेत्र है।
अलवर: प्रतापगढ, खो दरीबा।
भीलवाड़ाः पुर-बनेड़ा-दरीबा क्षेत्र
उदयपुरः देलवाडा, केरावली, देबारी
सीकर: बन्नो वालों की ढाणी।

सीसा और जस्ता

प्रमुख अयस्क- गेलेना
राजस्थान में भारत का 80 प्रतिशत सीसा एवं 90 प्रतिशत जस्ता का उत्पादन होता है।
उदयपुर के देबारी गांव के पास सीसा-जस्ता शोधन संयंत्र लगाया गया है।
प्रमुख उत्पादक क्षेत्रः
जावर क्षेत्र, मोचिया मगरा पहाड़ी, उदयपुर
राजपुर-दरीबा, राजसमंद
रामपुरा आगूचा, गुलाबपुरा, पुरा-बनेडा, भीलवाड़ा
चित्तौड़गढ़ में चन्देरिया जस्ता संयंत्र भारत सरकार ने स्थापित किया।
चौथ का बरवाड़ा, सवाईमाधोपुर
गुढ़ा किशोरीदास, अलवर

टंगस्टनः

वुल्फ्रेमाइट, शीलाइट

इसके उत्पादन में भारत में राजस्थान का एकाधिकार है।
राजस्थान में करीब 23.92 मिलियन टन टंगस्टन के जमाव है, जो देश का लगभग 17 प्रतिशत है।
महत्व- यह धातु उच्च ताप पर भी नहीं पिघलती हे। इसका गलनांक बिन्दु 1350 डिग्री सेल्सियस होता है। इसका उपयोग बिजली के बल्बों, इस्पात को कड़ा करने, चीजों का काटने व सुरक्षा सामग्री के निर्माण में किया जाता है।
नौगार जिले के डेगाना के निकट भाकरी गांव में रेव पहाडी प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है। सेवरिया, पीपलिया, बीजाथल।
सिरोही: वाल्दा गांव राजस्थान राज्य टंगस्टन विकास निगम
पाली,

मैंगनीजः

इसे सभी व्यवसायों का आधार कहा जाता है।
प्रमुख उत्पादक क्षेत्रः
बांसवाडा- सागवा, लीलवानी, कालाखूटा, कांसला, तलवाड़ा, गोदूक-बारीखूटा, इटाला, नरडिया जो गुरारिया से राथीमुरी क्षेत्र में हैं।
उदयपुर – स्वरूपपुरा, रामौसण, बड़ी सार
राजसमंद – नैगडिया,

सोना

ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ‘इन्डो गोल्ड’ ने बांसवाड़ा जिले के जगतपुरा भूकिया, आनन्दपुर भूकिया क्षेत्र में 105.81 मिलियन टन स्वर्ण भण्डार की खोज की है।
इसके अलावा रामपुर व खेड़ा (उदयपुर)
धानी-बसेडी, दौसा

अधात्विक खनिज

बेरेलियमः
उपयोगः परमाणु शक्ति एवं विद्युत उद्योगों में।
प्रमुख उत्पादक क्षेत्र
उदयपुर- शिकारबाडी, गुढा, रानआमेटा
जयपुरः गजरवाड,
अजमेरः बान्देसीन्दरी
भीलवाडाः देवडा, तिलोली

यूरेनियमः
भीलवाडाः जहाजपुर, देवली (टोंक)
बूंदी- हिण्डौली पहाडी क्षेत्र
वर्तमान में उत्पादन डूंगरपुर बांसवाडा में
अजमेर: किशनगढ़

अभ्रकः
झारखंड, आंध्रप्रदेश के बाद तीसरा सबसे बड़ा अभ्रक उत्पादक राज्य राजस्थान है, जो देश के कुल उत्पादन का करीब 22 प्रतिशत करता है।
उपयोगः दवाइयां बनाने में, आभूषणों, सजावट अग्नि प्रतिरोधक आणविक इन्सुलेटिंग ब्रिक्स बनाने में।
भीलवाडाः टूंका, दांता, जहाजपुरा, बनेड़ी, फूलिया, शाहपुरा
उदयपुरः चम्पागुढा, धोलमेतरा, गालवा
जयपुरः बंजारीखान,
टोंकः शंकरवाडा, बारोनी
भीलवाड़ा और उदयपुर जिलों में राजस्थान का 75 प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है।
भीलवाड़ा में अभ्रक ईंट बनाने का कारखाना है।

ऐस्बेस्टॉस
राजस्थान में एम्फीबोलाइट, क्रोइसोलाइट, ट्रिमोलाइट किस्म का ऐस्बेस्टॉस पाया जाता है।
उपयोगः
ताप निरोधक वस्तुओं, सीमेण्ट की चादर, पाइप बॉयलर्स

उत्पादक क्षेत्र

सलूम्बर, खैरवाड़ा, ऋषभदेव (उदयपुर)

तिरवी व गुढ़ा क्षेत्र (राजसमन्द)

बैराइट्स
अलवर में सबसे अधिक उत्पादन।
उदयपुर – जगतपुर (सबसे बडा भंडार), रेलपातलिया, केवड़ा
अलवर- राजगढ, रींगसपुरा, झारोली
सीकर- नरोड़ा, खरबीनापुर

रॉक-फॉस्फेट
उपयोगः मुख्य रूप से फॉस्फेट खाद का कच्चा माल है।
यह अम्लीय भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
प्रमुख उत्पादक क्षेत्र
उदयपुर क्षेत्र रॉक फॉस्फेट के उत्पादन में अग्रणी है।
उदयपुर के झामर-कोटड़ा तथा खार-बारियान, मातूनख् कानपुरख् डोल्कीपाती, धकन कोटड़ा आदि।
झामर-कोटड़ा से देश का सर्वाधिक 90 प्रतिशत रॉक-फॉस्फेट का उत्पादन होता है।
जैसलमेर – फतेहगढ़ तथा बिरमानिया
जयपुर- अचरोल
अलवर- आडुका-अण्डावारी
सीकर- करपुरा
पाइराइट
सीकर के सलादीपुरा में।

फैल्सपारः
अभ्रक के साथ सह-उत्पाद के रूप में
अजमेरः मकरेश से राज्य का 96 प्रतिशत
भीलवाड़ा, राजसमंद।

फ्लोराइटः
राज्य में देश का 96 प्रतिशत फ्लोराइट का उत्पादन होता है।
सिरेमिक उद्योग,
डूंगरपुर में मांडो की पाल, काहिला क्षेत्र।

डोलोमाइट
राज्य में डोलोमाइट का मुख्य जमावक्षेत्र बजला-काबरा (अजमेर) मंडल,
खोसीथल, मानवा रामगढ़, भैंसलाना (जयपुर)
कालोरा (उदयपुर)
हल्दीघाटी, कारोली-कोसाली (राजसमंद)

पायरोफाइलाइट
देबारी, गुड़ली, बड़ी मदार (उदयपुर)
बेगाड़िया-नाथूवास (राजसमंद)

वरमीक्यूलाइट
अजमेर, बांसवाड़ा
वोलस्टोनाइट: सिरोही, उदयपुर, पाली, अजमेर
चायना क्लेः बीकानेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, सवाई माधोपुर, उदयपुर, सीकर
फायर क्लेः बीकानेर
बाल क्लेः बीकानेर, पाली, जैसलमेर, नागौर, बाड़मेर

घीया पत्थरः स्टेटाइट
उदयपुर में सबसे अधिक देवपुरा लोहार गढ, जाथरा की पाल, ऋषभदेव
दौसाः डागोथा
भीलवाडाः धेवरिया चांदपुरा

कोयलाः
लिग्नाइट प्रकार का
बीकानेर- पलाना, गुढा, बरसिंगसर, नायासर
नागौर- मेडता रोड
बाडमेर- कपूरडी और जालिपा, गिरल
कपूरडी, बरसिंगसर, पलाना तथा गिरल में लिग्नाइट आधारित ताप विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई है।

पन्ना
इसे हरी अग्नि कहा जाता है।
पन्ना राजसमंद जिले के ‘कालागुमान’ क्षेत्र में पाया जाता है।

इमारती पत्थरः

प्रथम स्थान।
राजस्थान में जोधपुर, कोटा, चित्तौडगढ, बीकानेर में।
जालौर में गुलाबी रंग का ग्रेनाइट
अजमेर में बांदनवाडा के पास षमालिया गांव में काले ग्रेनाइट के भंडार मिले
जोधपुरः लाल, जैसलमेर: पीला
धौलपुरः रेड डायमंड, करौलीः मेहरून
अलवरः स्लेटी, कोटाः कोटा स्टोन

परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण प्रश्न

केसरपुरा, पाटन तथा तलवाड़ा प्रसिद्ध हैं?
अ. जिप्सम के लिए
ब. चूना पत्थर के लिए
स. रॉक फॉस्फेट के लिए
द. तामड़ा के लिए
उत्तर- ब

राजस्थान में सर्वाधिक जिप्सम भंडार अवस्थित है?
अ. जामसर, बीकानेर में
ब. बीरमानिया, जैसलमेर में
स. कानपुर, उदयपुर में
द. सॉलोपेट, बांसवाड़ा में
उत्तर- अ

निम्न में से कौन सा युग्म गलत हे?
अ. पेट्रोल – भाग्य शक्ति (बाड़मेर)
ब. कोयला – पलाना (बीकानेर)
स. पेट्रोल – घोटारू (जैसलमेर)
द. कोयला – बरसिंगसर (बाड़मेर)
उत्तर- स

निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म गलत है?
खनिज                        प्रमुख खानें
अ. सीसा-जस्ता    :  राजपुरा दरीबा
ब. लौह-अयस्क   : डाबला क्षेत्र
स. तांबा                 : लीलवानी
द. रॉक फॉस्फेट : झामर कोटडा
उत्तर- स

राजस्थान में कितने प्रकार के खनिज मिलते हैं-
(अ) 44 प्रकार के     (ब) 67 प्रकार के
(स) 23 प्रकार के      (द) कोई नहीं

सीसा-जस्ता उत्पादन की सबसे बड़ी खान है-
(अ) देबारी              (ब) अलवर
(स) खो-दरीबा       (द) उपर्युक्त सभी
उत्तर- अ

टंगस्टन का जिले से उत्पादन होता है-
(अ) अजमेर         (ब) नागौर
(स) भीलवाड़ा     (द) सिरोही
उत्तर- ब

राजस्थान में बेरिलियम उत्पादक दो प्रमुख जिले हैं-
अ. उदयपुर और जयपुर
ब. अलवर और झुंझुनू
स. नागौर और पाली
द. सिरोही और डूंगरपुर
उत्तर- अ

राजस्थान में ‘झामर कोटड़ा’ क्षेत्र निम्नलिखित में से किस खनिज से संबंधित है?
अ. सीसा एवं जस्ता
ब. मैंगनीज
स. रॉक फॉस्फेट
द. चांदी
उत्तर- स

निम्नलिखित सूचियों को सुमेलित कीजियेः
सूची-1 सूची-2
1- राजपुरा-दरीबा i. तांबा
2- नाथरा-की-पाल ii. सीसा एवं जस्ता
3- खो-दरीबा iii. बेरिलियम
4- बांदर-सींदरी iv. लौह अयस्क
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिएः
कूटः
अ. 1-i, 2-ii, 3-iv, 4-iii
ब. 1-ii, 2-iv, 3-i, 4-iii
स. 1-iii, 2-iv, 3-ii, 4-i
द. 1-ii, 2-iii, 3-iv, 4-i
उत्तर- ब

गलत युग्म को पहचानिएः
खनिज           खान
अ. जिप्सम – पलाना
ब. गुलाबी संगमरमर – बाबरमाल
स. तामड़ा – राजमहल
द. यूरेनियम – कुराड़िया
उत्तर- अ

जनकपुरा और सरवाड़ खानें जिस खनिज के उत्पादन के लिए जानी जाती हैं, वह है-
अ. पन्ना
ब. तामड़ा
स. उदयपुर
द. बेराइट्स
उत्तर- ब

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