- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘कोई भूखा न सोए’ के संकल्प को पूरा करने के लिए जरूरतमंद और गरीबों के लिए सस्ता एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 20 अगस्त, 2020 ‘इंदिरा रसोई योजना’ की शुरूआत की है।इंदिरा रसोई योजना के तहत गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को केवल 8 रुपए में शुद्ध पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए का बजट खर्च का प्रावधान रखा है। इस योजना से अब तक प्रदेश के 1 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन करवाया जा चुका है।
- लोगों को दो वक्त का भोजन रियायती दर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य सरकार प्रति थाली 12 रुपए का अनुदान देगी। प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों का संचालन किया जाएगा, जहां जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ बैठाकर भोजन खिलाया जा रहा है।
जनसेवा की भावना, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी
- योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए, ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने।
योजना के संचालन में सेवाभावी संस्थाओं एवं स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। ऐसी संस्थाओं तथा स्वयंसेवी संगठनों को प्रोत्साहित किया जाए जो नि:स्वार्थ भाव से मानव सेवा के क्षेत्र में काम कर रही हो।
प्रतिवर्ष 4 करोड़ 87 लाख लोगों को मिलेगा भोजन
- इस योजना से प्रतिवर्ष 4 करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है। रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल, चौखटी आदि ऎसे स्थानों पर रसोइयां खोली जाएंगी जहां लोगों की अधिक उपस्थिति रहती है।
खाने का मेन्यू
- भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार का मेन्यू निर्धारित किया गया है।
- स्थानीय आवश्यता के अनुरूप मैन्यू व भोजन के चयन की स्वतंत्रता रहेगी।
- भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने केे लिए राज्य एवं जिला स्तर पर कमेटी का गठन होगा।
- कोरोना महामारी से बचाव के लिए रसोइयों में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे।
- योजना की आईटी आधारित मॉनिटरिंग की जाएगी।
लाभार्थी को कूपन लेते ही मोबाइल पर एसएमएस से सूचना मिल जाएगी। मोबाइल एप एवं सीसीटीवी से रसोईयों की निगरानी की जाएगी।