राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन – महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • सिरोही लोक परिषद की स्थापना मुम्बई में 1933 ई. में, बीकानेर लोक परिषद की स्थापना कलकत्ता में 1936 ई. में तथा जैसलमेर प्रजामंडल की स्थापना जोधपुर में 1945 ई. में की गई।
  • 1907 ई. में पं. कन्हैयालाल ढूंढ और उनके शिष्य स्वामी गोपालदास ने चुरू में शिक्षा हेतु पुत्री पाठशाला और अछूतों की शिक्षा के लिए कबीर पाठशाला की स्थापना की।
  • राजपूताना मध्य भारत सभा की स्थापना 1918 में दिल्ली में कांग्रेस अधिवेशन के साथ हुई। विजयसिंह पथिक, चांदकरण शारदा, गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा स्थापित इस सभा के दिल्ली में हुए प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित गिरधर शर्मा ने की। प्रथम सभापति जमना लाल बजाज चुने गए।
  • 1919 में वर्धा में राजस्थान सेवा संघ की स्थापना हुईं। इसे 1920 ई. में अर्जुनलाल सेठी, केसरी सिंह बारहठ तथा विजय सिंह पथिक अजमेर ले आए।
  • अजमेर के निकट हटूंडी में हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा गांधी आश्रम की स्थापना की गई।
  • राजस्थान में छात्र समुदाय द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन का सूत्रपात सर्वप्रथम अजमेर मे हुआ।
  • हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने के लिए जयपुर राज्य में 1922 ई. में एक आंदोलन चला।
  • हीरालाल शास्त्री द्वारा 1929 में वनस्थली, टोंक में जीवन कुटीर नामक संस्था की स्थापना की गई जो वर्तमान में वनस्थली विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है।
  • 1931 ई. में अलवर के भवानी सहाय शर्मा हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक आर्मी नामक क्रांतिकारी संगठन के प्रमुख नेता के रूप में सामने आए।
  • छगनराज चौपासनीवाला ने जोधपुर में 26 जनवरी, 1932 को स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय झंडा फहराया।
  • श्याम जी कृष्ण वर्मा ने दामोदर व्यास के सहयोग से ब्यावर में कृष्णा मिल की स्थापना की।

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