पनडुब्बी आईएनएस वागीर को नौसेना में किया शामिल

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भारतीय नौसेना में शामिल की गई पांचवीं कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी का क्या नाम है?
1. आईएनएस वागीर
2. आईएनएस खंडेरी
3. आईएनएस वेला
4. आईएनएस विक्रांत
उत्तर- 1

  • भारतीय नौसेना की रडार से बच निकलने में सक्षम स्कॉर्पीन श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी आईएनएस वागीर को 23 जनवरी, 2023 को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में समारोह के दौरान नौसेना में शामिल किया गया।
  • फ्रांस के मैसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा भारत में 6 स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।
  • वागरी पश्चिमी नौसेना कमान के पनडुब्बी बेड़े का हिस्सा होगी तथा इसे कमान शस्त्रागार में एक और शक्तिशाली ​हथियार के रूप में शामिल किया गया है।
  • स्कॉर्पीन पनडुब्बियां बेहद शक्तिशाली प्लेटफॉर्म हैं। इसका रडार सिस्टम दुनिया के सबसे बेहतरीन में से एक है और यह इतनी उन्नत है कि रडार से बचने में सक्षम है।
  • वागीर लंबी दूरी की गाइडेड टॉरपीडो के साथ-साथ युद्धपोत रोधी मिसाइलों से भी लैस है।
  • इन पनडुब्बियों में अत्या​धुनिक सोनार सुइट और उत्कृष्ट परिचालन क्षमताओं का परिचय देने वाला सेंसर सूट मौजूद है।

वागीर – सैंड शार्क

  • सैंड शार्क ‘गोपनीयता और निडरता’ का प्रतिनिधित्व करती है, इन्हीं दो गुणों की वजह से इस पनडुब्बी को यह नाम दिया गया है।
    पनडुब्बी का आदर्श वाक्य, ‘साहस, शौर्य, समर्पण’ पराक्रम, वीरता और निष्ठा के आधारभूत मूल्यों का प्रतीक है। ये मूल्य सभी परिस्थितियों में विजयी होने के लिए अपनी चरम दक्षता पर सभी कार्यों को पूरा करने तथा कठिन परिस्थितियों का सामना करने पर तालमेल बिठाने की क्षमता को दर्शाते हैं।
  • आदर्श वाक्य नौसेना द्वारा आत्मसात किया गया है, जो उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने के लिए प्रेरित करता है। इसका उद्देश्य सबसे कठिन परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास बनाए रखना है, जिससे निर्भीक और साहसी बने रहने के लिए मनोबल प्राप्त हो और भारतीय नौसेना को ‘तेज तथा तत्पर’ रखा जा सके।
  • वागीर को शामिल करना भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और सफल कदम है, जो एक निर्माता की तरह नौसेना की विशिष्ट स्थिति को मजबूत करता है, साथ ही यह दुनिया के एक प्रमुख युद्धपोत और पनडुब्बी निर्माण यार्ड के रूप में एमडीएल की क्षमताओं का प्रतिबिंब भी है। प्रोजेक्ट-75 रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में यार्ड की निरंतर सफलता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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