पुनर्जागरण कालीन चित्रकला

चित्रकला –

  • पुनर्जागरण काल में सबसे अधिक विकास चित्रकला के क्षेत्र में हुआ।

जियटो

  • चित्रकला का जन्मदाता
  • 14वीं शताब्दी, परम्परागत बाइजेन्टाइन शैली से हटकर मानव व प्रकृति पर चित्र बनाये।
  • नई शैली के प्रारम्भिक चित्रकारों में इटली के फ्रान्जेलिको फ्रान्जेलिको 14वीं-15वीं शताब्दी और मेशेशियों 15वीं शताब्दी है।

लियोनार्दो द विन्ची 1452-1519

  • फ्लोरेंस निवासी, प्रतिभा बहुमुखी
  • वह वैज्ञानिक, गणितज्ञ, इन्जीनियर, संगीतज्ञ, दार्शनिक व चित्रकार था
  • उसने अपने चित्रों को यथार्थ बनाने के लिए मानव शरीर का गहन अध्ययन किया।
  • सर्वश्रेष्ठ कृति मोनालिसा एवं द लास्ट सपर है।
  • मोनालिसा विश्व कला जगत की एक अमूल्य निधि है। इस स्त्री के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान का जो अंकन किया गया है, वह रहस्यमयी दिखाई देती है।
  • मोनालिसा के चित्र की विशेषता उसके रहस्यमयी आकर्षण के अतिरिक्त भंगिमा की सुन्दरता या लावण्य, परिधान की शोभा एवं जल धाराओं कुण्डों तथा पथरीली चट्टानों से युक्त उसकी पृष्ठभूमि है।
  • नारी मुख पर रहस्यमयी मुस्कान, भाव भंगिमा, परिधान का सौन्दर्य एवं प्राकृतिक पृष्ठभूमि ‘मोनालिसा’ की पुमुख विशेषताएं है।
  • ‘द लास्ट सपर’ नामक चित्र में ईसा मसीह का अंतिम रात्रि भोज दिखाया गया है। इसमें ईसा के चेहरे पर शांति के भाव है। परन्तु उनके शिष्य हतप्रभ दिखाई देते हैं और एक शिष्य के चेहरे पर अपराध की झलक दिखाई देती है।
  • लियोलार्दो की चित्रकला की मुख्य विशेषताएं हैं- प्रकाश और छाया, रंगों का चयन तथा शारीरिक अंगों का सफल प्रदर्शन।

माइकेल एंजेलो

  • वह एक चित्रकार, मूर्तिकार, कवि एवं वास्तुकार था।
  • चित्रकारी के क्षेत्र में उसका अद्भुत योगदान था – वेटिकन में पोप के महल, ‘सिस्टाइन चैपेल’ की छः हजार वर्ग मीटर छत का सुन्दर चित्रांकन था।
  • चार वर्षों के अल्पकाल में उसने इस छत पर 145 चित्रों का निर्माण किया।
  • 1541 में सिस्टाइन चैपेल के भित्ति चित्रों में ‘द लास्ट जजमेंट’ (अंतिम न्याय) नामक चित्र को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
  • ‘द फॉल ऑफ मैन’ में ईसा के जन्म से प्रलय तक का चित्रण किया गया है।
  • एंजिलो के कलात्मक चित्रों की एक प्रमुख विशेषता, उसके मानवीय शरीर का उसकी गतिमान अवस्था में बड़ा नैसर्गिक एवं जीवन्त चित्रण है।

राफेल 1483-1520

  • 37 वर्ष की अल्पायु में ही देहान्त हो गया।
  • उसका प्रसिद्ध चित्र ‘सिस्टाइन मैडोना’ है।
  • उसके चित्रों में मातृत्व का हृदयग्राही सौन्दर्य तथा बालकों का मनोहारी वात्सल्य रूप दिखाई देता है।
  • जीसस क्राइस्ट की मां मैडोना का दिव्य नारीत्व आज भी दर्शकों का मन मोह लेता है।

इटली के अन्य चित्रकार
वेसेलो तिशियन (1477-1576)

  • वेनिस के इस चित्रकार ने पोपों, पादरियों, सामन्तों और संभ्रान्त परिवार की महिलाओं के अनेक पोर्ट्रेट बनाये।
  • ‘दस्ताने पहने हुए आदमी’ का चित्र प्रमुख एवं आकर्षक है।
  • इनकी प्लेग से मृत्यु हुई।

बेल्जियम: आइक बन्धु

  • ह्यूबर्ट वान आइक एवं इयान वान
  • वे रंगों के मिश्रण के लिए अण्डे की सफेदी के स्थान पर तेल का प्रयोग करने लगे।

डच चित्रकार फ्रांज हाल्स

  • विश्व के महान पोर्ट्रेट चित्रकारों में गणना।
  • विश्व प्रसिद्ध चित्र ‘लाफिंग कैवलरी’ है। सैनिकों के चेहरे पर एक खुशी, वे अपनी महिमा से प्रसन्न

हारमेंज वान राइन रेम्ब्रां 1606-69

  • डच चित्रकार, रेखाचित्रों के लिए विख्यात
  • ‘रात का पहरा’ श्रेष्ठ कृति।

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