मुस्लिम सुधार आन्दोलन

मुस्लिम सुधार आन्दोलन

  • 19वीं सदी में इस्लाम धर्म में विद्यमान कुरीतियों को दूर करने के उद्देश्य से अनेक मुस्लिम सुधारवादी आन्दोलन अस्तित्व में आये।

वहाबी आन्दोलन –

  • धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भारत में मुस्लिम आन्दोलन की शुरुआत सैय्यद अहमद बरेलवी से हुआ।
  • भारत में वहाबी आन्दोलन ईरान से प्रेरित होकर चलाया गया।
  • इनके गुरु शाह वलीउल्लाह (1703-63) ने प्रथम बार मुस्लिम समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने की वकालात की।
  • सैय्यद अहमद ने पाश्चात्य सभ्यता का विरोध व इस्लाम के कट्टर सिद्धान्तों का प्रचार किया।

अलीगढ़ आन्दोलन

  • स्थान- अलीगढ़
  • संस्थापक – सर सैय्यद अहमद खां (1817-98 ई.) ने भारतीय मुसलमानों को अंग्रेजी शिक्षा और आधुनिकीकरण की ओर प्रोत्साहित किया।
  • इनके जीवन के दो प्रमुुख उद्देश्य थे-
  1. अंग्रेज और मुसलमानों के सम्बंधों को सुधारना तथा 
  1. मुसलमानों में शिक्षा का प्रसार करना।
  • 1870 ई. के बाद प्रकाशित डब्ल्यू. हण्टर की पुस्तक इण्डियन मुसलमान में सरकार को सलाह दी गई थी कि वे मुसलमानों से समझौता कर तथा उन्हें कुछ रियायतें दे कर अपनी ओर मिलाये।
  • प्रारम्भ में सर सैय्यद अहमद खां हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे।
  • उन्होंने मुस्लिम समुदाय को आधुनिक बनाने एवं इस्लाम में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयत्न किया।
  • उन्होंने पीरी-मुरीदी प्रथा एवं दासप्रथा को समाप्त करने का प्रयत्न किया।
  • अपने विचारों के प्रसार के लिये उन्होंने ‘तहजीब-उल-अखलाक’ (सभ्यता और नैतिकता) नामक पत्रिका द्वारा किया।
  • कुरान पर टिका लिखी तथा परम्परागत टीकाकरों की आलोचना करते हुए समकालीन वैज्ञानिक ज्ञान के प्रकाश में अपने विचार व्यक्त किये।
  • इन्होंने सर्वप्रथम 1864 ई. में गाजीपुर में साइंटिफिक सोसायटी स्थापित किया और एक वर्ष बाद अंग्रेजी पुस्तकों का उर्दू में अनुवाद करने के लिए एक विज्ञान समाज की स्थापना की।
  • इन्होंने महारनी विक्टोरिया की वर्षगांठ के अवसर पर अलीगढ़ में ‘एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज’ की स्थापना की (24 मई 1875 ई.) जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 1920 कहलाया।
  • विश्वविद्यालय के प्रथम प्रिंसीपल थियोडोर बैक थे।
  • अंग्रेजों के प्रति अपनी निष्ठा को प्रकट करने हेतु ‘राजभक्त मुसलमान’ नामक पत्रिका का प्रकाशन किया।
  • बनारस के राजा शिवप्रसाद के साथ ‘देशभक्त एसोसिएशन’ की स्थापना की।

देवबन्द आन्दोलन

  • स्थापना- 1866-67 ई.
  • स्थान – देवबंद, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
  • संस्थापक – मुहम्मद कासिम ननौत्वी व रशीद अहमद गंगोही
  • उद्देश्य – मुस्लिम सम्प्रदाय के लिए धार्मिक नेता तैयार करना व पश्चिमी संस्कृति को प्रतिबंधित किया जाए, मुस्लिम सम्प्रदाय का नैतिक एवं धार्मिक पुनरूद्धार अंग्रेजी सरकार के साथ असहयोग करना।
  • 1888 ई. में देवबंद के उलेमा ने सैय्यद अहमद खां द्वारा बनायी गई संयुक्त भारतीय राजभक्त सभा तथा मुस्लिम-एंग्लो ओरिएंटल सभा के विरूद्ध फतवा जारी किया।
  • देवबंद स्कूल के समर्थकां में शिवली नूमानी फारसी और अरबी के लब्धप्रतिष्ठित विद्वान और लेखक थे।
  • शिवलीनूमानी परम्परागत मुस्लिम शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए औपचारिक शिक्षा के स्थान पर अंग्रेजी भाषा तथा यूरोपीय विज्ञान को शामिल करने के समर्थक थे।
  • उन्होंने लखनऊ  में नदवतल उलमा तथा दारूल उलूम की स्थापना की। कांग्रेस समर्थक, इन्होंने भारत के प्रतिनिष्ठा का प्रदर्शन किया।
  • शिवलीनूमानी ने कहा कि ‘मुसलमान हिन्दुओं के साथ मिलकर ऐसा राज्य स्थापित कर सकते है, जिससे दोनो समुदाय सम्मान एवं सुखपूर्वक रह सके।’

अहमदिया आन्दोलन

  • स्थापना – 1889
  • गुरुदासपुर, पंजाब के कादिया नामक स्थान पर
  • संस्थापक – मिर्जा गुलाम अहमद (1838-1908) द्वारा उन्हीं के नाम पर अहमदिया आन्दोलन पड़ा।
  • उद्देश्य – मुसलमानों में इस्लाम के सच्चे स्वरूप को बहाल करना और मुस्लिमों में आधुनिक औद्योगिक और तकनीकी प्रगति को धार्मिक मान्यता देना।
  • मिर्जा ने स्वयं को श्रीकृष्ण का अवतार भी मानना शुरू कर दिया।
  • मिर्जा ने अपनी पुस्तक ‘बहरीन-ए-अहमदिया’ में अपने सिद्धान्तों की व्याख्या की।

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