मध्य प्रदेश टीईटी 2022 का हिन्दी भाषा का हल

हिन्दी भाषा

 

मध्य प्रदेश PEB द्वारा वर्ष 2022 में TET- परीक्षा का आयोजन 05 मार्च, 2022 को किया गया। जिसके Bhasha: Hindi का हल आयोग द्वारा जारी की के अनुसार दिया जा रहा है।

हल प्रश्नपत्र को हल कीजिए और अपना मूल्यांकन कीजिए।

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मध्य प्रदेश टीईटी 2022 का हिन्दी भाषा का हल

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निम्न में से कौन-सा शिक्षण का सिद्धांत नहीं है?

 

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भाषा अर्जित करना ___

 

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निम्न में से उपचारात्मक शिक्षण की सफलता मुख्यतः किस पर निर्भर करती है?

 

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कहानी-कथन के उद्देश्यों में कौन-सा पक्ष शामिल नहीं है?

 

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मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य होता है यह जानना कि-

 

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कविता को भावपूर्ण तरीके से पढ़ना ____

 

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लिखित कार्य की जांच में बच्चों की सहायता लेने से-

 

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लोकगीतों को भाषा की कक्षाओं में स्थान दिया जाना चाहिए क्योंकि-

 

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पाठ-पढ़कर बच्चों से प्रश्न बनवाने से-

 

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भाषा विकास का द्वितीय चरण निम्न में से क्या है?

 

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बच्चों में हिन्दी भाषा सिखाने के प्रति रुचि उत्पन्न करना, यह उद्देश्य है-

 

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कक्षा आठ के बच्चों के लिए साहित्य का चयन करते समय आपके लिए निम्न में से क्या जानना सर्वाधिक जरूरी है?

 

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नाटक, सिनेमा, परिचर्चा, वाद-विवाद आदि बच्चों की ___ व स्वाभाविक ___ एवं ___ प्रतिक्रिया व्यक्त करने की क्षमता का विकास करने में मदद करते हैं।

 

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भाषा सीखने में होने वाली त्रुटियां

 

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पाठ्य पुस्तक भाषा शिक्षण में मुख्यतः क्या सहायता करती है?

 

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Passage:

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-

“हम जब-जब असंगठित हुए, हमें आर्थिक व राजनीतिक रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। हमारे विचारों में जब-जब संकीर्णता आई, आपस में झगड़े हुए। हमने जब कभी नए विचारों से अपना मुख मोड़ा, हमें हानि ही हुई, हम विदेशी शासन के अधीन हो गए।” ये बातें स्‍व. प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के दौरान कही थीं। सचमुच राष्ट्रीय एकता सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला होती है। राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य है—

राष्ट्र के विभिन्न घटकों में परस्पर एकता, प्रेम एवं भाईचारे का कायम रहना।

भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही, साथ ही उनकी भाषाएँ भी अलग-अलग हैं। इन सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता की जिस भावना से ओत-प्रोत रहते हैं, उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। रवीन्द्रनाथ ‘टैगोर’ ने कहा “भारत की एकता तथा चेतना समय की कसौटी पर सही सिद्ध हुई है।”

राष्ट्र की आंतरिक शान्ति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्‍ट्रीय एकता परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्‍न-भिन्‍न हो गए, तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि प्राचीनकाल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किन्तु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्‍यता और संस्‍कृति को नष्ट करना शुरू किया, जिससे हमारी आस्थाओं एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे पतन होने लगा। हमें राष्ट्रीय एकता कायम रखने की आवश्यकता है, तभी हम ‘डॉ. एस राधाकृष्‍णन’ की

कही गई इस बात को सही साबित कर सकते हैं— “भारत ही अकेला देश है, जहाँ मन्दिरों, गिरिजाघरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मठों में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व है।”

आज देश की राष्ट्रीय एकता को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से है। आतंकवाद न केवल हमारी, बल्कि सम्‍पूर्ण विश्‍व की समस्या है। आतंकवादियों द्वारा कभी मुंबई को निशाना बनाया जाता है, तो कभी देश की राजधानी दिल्ली को। आज कश्मीर की समस्या आतंकवाद की ही देन है। पिछले दो दशकों में इस आतंकवाद ने देश के कई राज्‍यों में अपार क्षति पहुँचाई है। राष्‍ट्रीय एकता में बाधक अनेक शक्तियों में अलगाव की राजनीति भी एक है।

16. उपर्युक्त गद्यांश के लिए निम्न में से उचित शीर्षक का चयन कीजिए-

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-

“हम जब-जब असंगठित हुए, हमें आर्थिक व राजनीतिक रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। हमारे विचारों में जब-जब संकीर्णता आई, आपस में झगड़े हुए। हमने जब कभी नए विचारों से अपना मुख मोड़ा, हमें हानि ही हुई, हम विदेशी शासन के अधीन हो गए।” ये बातें स्‍व. प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के दौरान कही थीं। सचमुच राष्ट्रीय एकता सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला होती है। राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य है—

राष्ट्र के विभिन्न घटकों में परस्पर एकता, प्रेम एवं भाईचारे का कायम रहना।

भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही, साथ ही उनकी भाषाएँ भी अलग-अलग हैं। इन सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता की जिस भावना से ओत-प्रोत रहते हैं, उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। रवीन्द्रनाथ ‘टैगोर’ ने कहा “भारत की एकता तथा चेतना समय की कसौटी पर सही सिद्ध हुई है।”

राष्ट्र की आंतरिक शान्ति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्‍ट्रीय एकता परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्‍न-भिन्‍न हो गए, तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि प्राचीनकाल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किन्तु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्‍यता और संस्‍कृति को नष्ट करना शुरू किया, जिससे हमारी आस्थाओं एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे पतन होने लगा। हमें राष्ट्रीय एकता कायम रखने की आवश्यकता है, तभी हम ‘डॉ. एस राधाकृष्‍णन’ की

कही गई इस बात को सही साबित कर सकते हैं— “भारत ही अकेला देश है, जहाँ मन्दिरों, गिरिजाघरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मठों में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व है।”

आज देश की राष्ट्रीय एकता को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से है। आतंकवाद न केवल हमारी, बल्कि सम्‍पूर्ण विश्‍व की समस्या है। आतंकवादियों द्वारा कभी मुंबई को निशाना बनाया जाता है, तो कभी देश की राजधानी दिल्ली को। आज कश्मीर की समस्या आतंकवाद की ही देन है। पिछले दो दशकों में इस आतंकवाद ने देश के कई राज्‍यों में अपार क्षति पहुँचाई है। राष्‍ट्रीय एकता में बाधक अनेक शक्तियों में अलगाव की राजनीति भी एक है।

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार कथन “भारत ही अकेला देश है, जहां मंदिरों, गिरिजाघरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मठों में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व है।” निम्न में से किसका है?

 

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-

“हम जब-जब असंगठित हुए, हमें आर्थिक व राजनीतिक रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। हमारे विचारों में जब-जब संकीर्णता आई, आपस में झगड़े हुए। हमने जब कभी नए विचारों से अपना मुख मोड़ा, हमें हानि ही हुई, हम विदेशी शासन के अधीन हो गए।” ये बातें स्‍व. प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के दौरान कही थीं। सचमुच राष्ट्रीय एकता सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला होती है। राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य है—

राष्ट्र के विभिन्न घटकों में परस्पर एकता, प्रेम एवं भाईचारे का कायम रहना।

भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही, साथ ही उनकी भाषाएँ भी अलग-अलग हैं। इन सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता की जिस भावना से ओत-प्रोत रहते हैं, उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। रवीन्द्रनाथ ‘टैगोर’ ने कहा “भारत की एकता तथा चेतना समय की कसौटी पर सही सिद्ध हुई है।”

राष्ट्र की आंतरिक शान्ति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्‍ट्रीय एकता परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्‍न-भिन्‍न हो गए, तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि प्राचीनकाल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किन्तु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्‍यता और संस्‍कृति को नष्ट करना शुरू किया, जिससे हमारी आस्थाओं एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे पतन होने लगा। हमें राष्ट्रीय एकता कायम रखने की आवश्यकता है, तभी हम ‘डॉ. एस राधाकृष्‍णन’ की

कही गई इस बात को सही साबित कर सकते हैं— “भारत ही अकेला देश है, जहाँ मन्दिरों, गिरिजाघरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मठों में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व है।”

आज देश की राष्ट्रीय एकता को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से है। आतंकवाद न केवल हमारी, बल्कि सम्‍पूर्ण विश्‍व की समस्या है। आतंकवादियों द्वारा कभी मुंबई को निशाना बनाया जाता है, तो कभी देश की राजधानी दिल्ली को। आज कश्मीर की समस्या आतंकवाद की ही देन है। पिछले दो दशकों में इस आतंकवाद ने देश के कई राज्‍यों में अपार क्षति पहुँचाई है। राष्‍ट्रीय एकता में बाधक अनेक शक्तियों में अलगाव की राजनीति भी एक है।

 

निम्न में से किस शब्द-युग्‍म का प्रयोग उपर्युक्त गद्यांश में नहीं किया गया है?

 

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-

“हम जब-जब असंगठित हुए, हमें आर्थिक व राजनीतिक रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। हमारे विचारों में जब-जब संकीर्णता आई, आपस में झगड़े हुए। हमने जब कभी नए विचारों से अपना मुख मोड़ा, हमें हानि ही हुई, हम विदेशी शासन के अधीन हो गए।” ये बातें स्‍व. प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के दौरान कही थीं। सचमुच राष्ट्रीय एकता सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला होती है। राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य है—

राष्ट्र के विभिन्न घटकों में परस्पर एकता, प्रेम एवं भाईचारे का कायम रहना।

भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही, साथ ही उनकी भाषाएँ भी अलग-अलग हैं। इन सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता की जिस भावना से ओत-प्रोत रहते हैं, उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। रवीन्द्रनाथ ‘टैगोर’ ने कहा “भारत की एकता तथा चेतना समय की कसौटी पर सही सिद्ध हुई है।”

राष्ट्र की आंतरिक शान्ति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्‍ट्रीय एकता परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्‍न-भिन्‍न हो गए, तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि प्राचीनकाल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किन्तु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्‍यता और संस्‍कृति को नष्ट करना शुरू किया, जिससे हमारी आस्थाओं एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे पतन होने लगा। हमें राष्ट्रीय एकता कायम रखने की आवश्यकता है, तभी हम ‘डॉ. एस राधाकृष्‍णन’ की

कही गई इस बात को सही साबित कर सकते हैं— “भारत ही अकेला देश है, जहाँ मन्दिरों, गिरिजाघरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मठों में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व है।”

आज देश की राष्ट्रीय एकता को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से है। आतंकवाद न केवल हमारी, बल्कि सम्‍पूर्ण विश्‍व की समस्या है। आतंकवादियों द्वारा कभी मुंबई को निशाना बनाया जाता है, तो कभी देश की राजधानी दिल्ली को। आज कश्मीर की समस्या आतंकवाद की ही देन है। पिछले दो दशकों में इस आतंकवाद ने देश के कई राज्‍यों में अपार क्षति पहुँचाई है। राष्‍ट्रीय एकता में बाधक अनेक शक्तियों में अलगाव की राजनीति भी एक है।

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार कथन “भारत की एकता तथा चेतना समय की कसौटी पर सही सिद्ध हुई है।” निम्न में से किसका है?

 

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निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-

“हम जब-जब असंगठित हुए, हमें आर्थिक व राजनीतिक रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। हमारे विचारों में जब-जब संकीर्णता आई, आपस में झगड़े हुए। हमने जब कभी नए विचारों से अपना मुख मोड़ा, हमें हानि ही हुई, हम विदेशी शासन के अधीन हो गए।” ये बातें स्‍व. प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के दौरान कही थीं। सचमुच राष्ट्रीय एकता सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला होती है। राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य है—

राष्ट्र के विभिन्न घटकों में परस्पर एकता, प्रेम एवं भाईचारे का कायम रहना।

भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन एवं आस्था में अंतर तो है ही, साथ ही उनकी भाषाएँ भी अलग-अलग हैं। इन सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता की जिस भावना से ओत-प्रोत रहते हैं, उसे राष्ट्रीय एकता का विश्व भर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। रवीन्द्रनाथ ‘टैगोर’ ने कहा “भारत की एकता तथा चेतना समय की कसौटी पर सही सिद्ध हुई है।”

राष्ट्र की आंतरिक शान्ति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्‍ट्रीय एकता परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्‍न-भिन्‍न हो गए, तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि प्राचीनकाल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किन्तु आंतरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्‍यता और संस्‍कृति को नष्ट करना शुरू किया, जिससे हमारी आस्थाओं एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे पतन होने लगा। हमें राष्ट्रीय एकता कायम रखने की आवश्यकता है, तभी हम ‘डॉ. एस राधाकृष्‍णन’ की

कही गई इस बात को सही साबित कर सकते हैं— “भारत ही अकेला देश है, जहाँ मन्दिरों, गिरिजाघरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मठों में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व है।”

आज देश की राष्ट्रीय एकता को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से है। आतंकवाद न केवल हमारी, बल्कि सम्‍पूर्ण विश्‍व की समस्या है। आतंकवादियों द्वारा कभी मुंबई को निशाना बनाया जाता है, तो कभी देश की राजधानी दिल्ली को। आज कश्मीर की समस्या आतंकवाद की ही देन है। पिछले दो दशकों में इस आतंकवाद ने देश के कई राज्‍यों में अपार क्षति पहुँचाई है। राष्‍ट्रीय एकता में बाधक अनेक शक्तियों में अलगाव की राजनीति भी एक है।

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार, राष्ट्रीय एकता से क्‍या तात्‍पर्य है?

 

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निम्न में से ‘आबद्ध’ का विलोम शब्‍द क्‍या है?

 

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निम्न में से ‘मतैकता’ में कौन-सी संधि है?

 

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निम्न में से ‘भारतवासी’ शब्द में कौन सा समास है?

 

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निर्देश: काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए-

किंतु अरे यह क्या,

इतना आदर, इतनी करुणा, सम्मान?

प्रथम दृष्टि में ही दे डाला

तुमने मुझे अहो मतिमान!

मैं अपने झीने आँचल में

इस अपार करुणा का भार

कैसे भला संभाल सकूँगी

उनका वह स्नेह अपार।

लख महानता उनकी पल-पल

देख रही हूँ अपनी ओर

मेरे लिए बहुत थी केवल

उनकी तो करुणा की कोर।

24. निम्न में से उपर्युक्त पंक्तियों के रचयिता का नाम बताइए

 

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निम्न में से मतिमान का अर्थ क्या है?

 

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निम्न में से कौन-सा शब्द करुणा का पर्यायवाची नहीं है?

 

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दोहे और रोले को क्रम से मिलाने पर निम्‍न में से कौन-सा छंद बनता है?

 

28 / 30

निम्न में से किस शब्द का प्रयोग उपर्युक्‍त पंक्तियों में नहीं किया गया है?

 

29 / 30

निम्‍नलिखित में से किस शब्द में उपसर्ग का प्रयोग नहीं किया गया है?

 

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मुहावरा “और का और हो जाना” का क्या अर्थ है?

 

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