मोलस्का (Mollusca) संघ

 

  • मोलस्का (Mollusca) (Mollis = soft) अतः मोलस्का का तात्पर्य होता है कोमल अर्थात् मोलस्का में सम्मिलित किये जाने वाले जन्तुओं का शरीर कोमल होता है।
  • शरीर खण्डविहीन होता है।
  • शरीर कोमल परंतु कठोर कैल्शियम कार्बोनेट के कवच से ढका रहता है।
  • इस संघ का नाम जान्स्टन (Johnston) ने दिया था।
  • यह जंतु जगत के सबसे बड़े संघ आर्थ्रोपोडा के बाद दूसरा सबसे बड़ा संघ है।

मोलस्का संघ में श्वसन वर्णक

मुख्य लक्षण

  1. इस संघ के अधिकांश प्राणी समुद्र (लवणीय) में पाये जाते हैं। कुछ जन्तु अलवणीय जल (Fresh water) व स्थल पर भी पाये जाते हैं।
  2. ये द्विपार्श्व सममिति, असममिति (पाइला), त्रिकोरकी तथा प्रगुही प्राणी हैं।
  3. इनका शरीर अखण्डित मेन्टल (Mantle), सिर (Head), पेशीय पाद (Foot) व अंतरंग ककुद (Visceral mass) में विभक्त होता है। मेन्टल सम्पूर्ण शरीर को घेरे रहता है।
  4. त्वचा की नरम तथा स्पंजी परत ककुद के ऊपर प्रावार बनाती है। ककुद तथा प्रावार के बीच के स्थान को प्रावार गुहा कहते हैं, जिसमें पख के समान क्लोम पाए जाते हैं, जो श्वसन एवं उत्सर्जन दोनों में सहायक हैं।
  5. सिर पर आंख, संवेदी स्पर्शक पाए जाते हैं।
  6. मेन्टल द्वारा कवच का स्त्रावण होता है। कुछ जन्तुओं में कवच भीतर पाया जाता है जैसे लोलिगो (Loligo) व आक्टोपस (Octopus)।
  7. श्वसन क्लोम (Gillis), टीनिडिया या पल्मोनरी द्वारा होता है।
  8. गमन हेतु पाद (Root) पाये जाते हैं। पाद भिन्न-भिन्न प्रकार से अनुकूलित होते हैं। ये रेंगने डिल बनाने व तैरने में सहायता करते हैं।
  9. मुख में भोजन के लिए रेती के समान घिसने का अंग पाया जाता है, जिसे रेती जिह्वा (रेडुला Radula) कहते हैं।
  10. इनके आन्तरांग (Visceral mass) में सभी अंग स्थित होते हैं।
  11. इनमें रक्त रंगहीन या नीले रंग का होता है। इसमें हीमोसायनिन (Haemocynin) नामक श्वसन वर्णक पाया जाता है। हृदय पेशीजन्य (Myogenic) होता है।
  12. इनमें खुला परिसंचरण तंत्र (Open circulatory system) पाया जाता है।
  13. उत्सर्जन वृक्क या मेटानेफ्रेडिया (Metanephredia) द्वारा होता है।
  14. तंत्रिका तंत्र युग्मित होता है, क्योंकि इसमें युग्मित गुच्छक, संयोजक (Connective) तथा तंत्रिकाएं पायी जाती हैं।
  15. इस संघ के जन्तु एकलिंगी होते हैं अर्थात् नर—मादा पृथक् होते हैं। ये अण्डप्रजक होते हैं तथा परिवर्धन सामान्यतः लार्वा द्वारा होता है।
उदाहरण:
  • पाइला (Pila) – घोंघा
  • साइप्रिया (Cypraea) – कौड़ी
  • पेटेला (Patella) – लिम्पेट
  • सीपिया (Sepia) – कटलफिश
  • यूनियो (Unio) – सीपी
  • ऑक्टोपस (Octopus) – डेविलफिश (बेताल मछली)
  • डेन्टेलियम (रद कवचर)
  • एप्लाइसिया (Aplysia) – समुद्री खरगोश
  • पिंकटाडा (Pinctada) – पर्ल आयस्टर (मुक्ता शुक्ति), बहुमूल्य मोती बनाने वाला जन्तु
  • लोलिगो (Loligo) – दैत्य स्क्विड
  • कीटोप्लयूरा (काइटन) आदि

मोलस्का संघ में श्वसन वर्णक होता है?
अ. हीमोग्लोबिन
ब. इरिथ्रोसिन
स. हीमोसाइनिन
द. उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर- स

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *