कीटभक्षी पौधे जिस मृदा में उगते हैं उसमें कमी रहती है?


अ. मैग्नीशियम की
ब. कैल्शियम की
स. नाइट्रोजन की
द. जल की
उत्तर— स

कीटभक्षी पौधे जिस मृदा में उगते हैं उसमें नाइट्रोजन की कमी होती है। ये अपनी नाइट्रोजन की आवश्यकता कीटों को पकड़कर तथा उनका पाचन करके पूरा करते हैं। इस कार्य के लिए इनमें विशेष पोषण विधियां विकसित होती है। अत: ये पौधे आंशिक रूप से विविध पोषी होते हैं।

कुछ वनस्पति जातियां कीटाहारी होती हैं, क्यों?
अ. छायादार और अंधेरे स्थलों में आने के कारण उन्हें प्रकाश संश्लेषण का पर्याप्त अवसर नहीं मिलता तथा इसलिए वे पोषण के लिए कीट पर निर्भर करती है।
ब. वे नाइट्रोजन—न्यून में उगने के लिए अनुकूली हैं तथा इसीलिए पर्याप्त नाइट्रोजन पोषण प्राप्त करने के लिए वे कीट पर निर्भर करती है।
स. वे कुछ विटामिनों का संश्लेषण स्वयं नहीं कर पातीं तथा अपने द्वारा पचाए हुए कीटों पर निर्भर करती हैं
द. वे जीवित जीवाश्म के रूप में, जैव विकास की उस विशेष अवस्था में ठहरी हुई हैं और स्वपोषी तथा परपोषी के बीच की कड़ी हैं।
उत्तर— ब

कीटभक्षी पौधे

पिचर प्लांट इसे नेपिन्थिस के नाम से भी जाना जाता है। ड्रोसैरा इसे सनड्यूज़ भी कहते हैं। अन्य कीटभक्षी पौधे डायोनिया, सेरोसेनिया, यूट्रीकुलेरिया आदि।

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