जल के अंदर वायु का बुलबुला व्यवहार करता है

नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं जिनमें से एक को कथन (A) और दूसरे को कारण (R) कहा गया है –
कथन (A) : हीरा अपने ही आकार के अनुकारी काँच से
अधिक झिलमिलाता है।
कारण (R) : हीरे का अपवर्तनांक (Refractive Index) काँच के अपवर्तनांक से कम होता है।
उपर्युक्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
(a) A और R दोनों सही हैं तथा A की सही व्याख्या R करता है
(b) A और R दोनों सही हैं परन्तु A की सही व्याख्या R नहीं करता है
(c) A सही है परन्तु R गलत है
(d) A गलत है परन्तु R सही है
उत्तर-(c)

(I.A.S. (Pre) G.S. 1995)

व्याख्या : हीरे की झिलमिलाहट अधिक अपवर्तनांक के कारण होती है परिणामस्वरूप इसका क्रान्तिक कोण (Critical angle) कम हो जाता है तथा इसके विभिन्न बिन्दुओं से प्रकाश का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है। यही कारण है कि हीरा अपने ही आकार के अनुकारी काँच से अधिक झिलमिलाता है। ही8रा का
अपवर्तनांक साधारण काँच से बहुत अधिक होता है।
हीरा का अपवर्तनांक = 2.42 तथा काँच का अपवर्तनांक = 1.5

जल के अंदर वायु का बुलबुला व्यवहार करता है –
(a) द्विफेसी लेंस जैसा
(b) अभिसारी लेंस जैसा
(c) अपसारी लेंस जैसा
(d) शंक्वाकार लेंस जैसा
उत्तर-c

UPPCS (Pre.) G.S. 2002कि

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