भारतीय संविधान का निर्माण

  • भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा हुआ। ब्रिटिश सरकार ने भारत की स्वतंत्रता के प्रश्न का समाधान ढूंढ़ने के लिए अपने तीन मंत्रियों के दल को ‘केबिनेट मिशन’ के नाम से भारत भेजा। कैबिनेट मिशन ने संविधान की रूपरेखा के सम्बन्ध में भारतीय नेताओं से विचार-विमर्श किया तथा संविधान निर्माण की प्रक्रिया सुनिश्चित कर दी।
  • कैबिनेट मिशन योजना के अन्तर्गत एक संविधान सभा का गठन हुआ। इस संविधान सभा के गठन के लिए भारत में निर्वाचन का काम जुलाई-अगस्त 1946 में पूरा कर लिया गया। यह निर्वाचन अप्रत्यक्ष निर्वाचन था, जिसमें प्रत्येक दस लाख की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि राज्यों की विधानसभाओं से चुना गया।
  • संविधान सभा के लिए निर्धारित सदस्यों की कुल संख्या 389 थी, जिनमें से 292 प्रतिनिधि ब्रिटिश भारत के गवर्नरों के अधीन 11 प्रांतों से तथा 4 सदस्य चीफ कमिश्नरों के चार प्रांतों अर्थात् दिल्ली, अजमेर-मारवाड़, कुर्ग और ब्रिटिश बलूचिस्तान से निर्वाचित हुए तथा 93 प्रतिनिधि भारतीय रियासतों से लिए गये।
  • ब्रिटिश भारत के प्रांतों को आवंटित 296 स्थानों के लिए जुलाई-अगस्त, 1946 को हुए चुनाव में कांग्रेस को 208 स्थानों पर तथा मुस्लिम लीग को 73 स्थानों पर विजय हासिल हुई थी।
  • संविधान सभा का विधिवत उद्घाटन 9 दिसम्बर, 1946 को नई दिल्ली स्थित कौंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुआ। इसी दिन डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • 11 दिसम्बर को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया।
  • 13 दिसम्बर, 1946 को जवाहर लाल नहेरू ने ऐतिहासिक उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया। इस उद्देश्य प्रस्ताव के प्रारूप में भारत के भावी प्रभुता सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य की रूपरेखा दी गयी थी, जिसमें अवशिष्ट शक्तियां स्वायत्त इकाइयों के पास होती थी और प्रभुता जनता के हाथों में।
  • सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, परिस्थिति की, अवसर की और कानून के समक्ष समानता, विचारधारा, अभिव्यक्ति, विश्वास, आस्था, पूजा, व्यवसाय, संगम और कार्य की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई और इसके साथ ही अल्पसंख्यकों, पिछड़ों तथा जनजातीय क्षेत्रों तथा दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए पर्याप्त ‘रक्षोपाय’ किये गये। यह मार्गदर्शी सिद्धांत तथा दर्शन, जिसके आधार पर संविधान का निर्माण करना था, अंततः 22 जनवरी, 1947 को संविधान सभा द्वारा स्वीकार कर लिया गया।
  • संविधान सभा ने संविधान निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया तथा बी.एन. राव को अपना सलाहकार नियुक्त किया।
  • संविधान निर्माण के लिए 60 देशों के संविधान का अध्ययन किया गया। विभिन्न समितियों का गठन किया गया, जैसे – प्रक्रिया समिति
संविधान सभा की प्रमुख समितियों के अध्यक्ष
  • प्रारूप समिति – डॉ. भीमराव अम्बेडकर
  • संचालन समिति – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
  • संघीय संविधान समिति – पं. जवाहरलाल नेहरू
  • प्रांतीय संविधान समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल
  • मौलिक अधिकार समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल
  • झण्डा समिति – जे. बी. कृपलानी

प्रारूप समिति के सदस्य –

  • डॉ. भीमराव अम्बेडकर, अध्यक्ष
  • एन. गोपाल स्वामी आयंगर
  • अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर
  • के.एम. मुंशी
  • बी.एल. मित्तर (बाद में इनकी जगह एन. माधव राव)
  • मोहम्मद सादुल्लाह
  • डी.पी. खेतान (इनकी मृत्यु के बाद टी.टी. कृष्णमाचारी)

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