• ह्वेनसांग चीनी बौद्ध यात्री था, जो हर्ष के समय भारत आया। वह बौद्ध स्थलों के दर्शन एवं बौद्ध ग्रंथों के अध्ययन करने के उद्देश्य से भारत आया था।
  • उसने भारत के सम्बन्ध में निम्नलिखित विवरण दिया-
सामाजिक स्थिति –
  • तत्कालीन समाज ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र वर्णों में विभाजित था। प्रथम तीन वर्ण समृद्ध थे। वे स्वच्छता, रहन-सहन पर ज्यादा ध्यान देते थे।
  • शूद्र खेती व परिचर्या का कार्य करते थे। समाज में शुद्ध भोजन तथा नैतिक चरित्र पर बल था।
  • प्याज, लहसुन एवं मांस खाने वालों का निवास शहर से बाहर था।
  • अन्तर्जातीय विवाह प्रतिबंधित थे।
आर्थिक स्थिति –
  • भूमि उर्वरा थी तथा लोग समृद्धशाली थे।
  • सोने-चांदी के सिक्कों एवं सामान्यतः कौड़ियों का मुद्रा के रूप में प्रचलन था। वस्त्रोद्योग का व्यवसाय उन्नत था।
  • समाज में श्रेणी व्यवस्था प्रचलित थी।
  • ताम्रलिप्ति, भड़ौंच, पाटलीपुत्र आदि शहर व्यापारिक केन्द्र थे। चीन, मध्य एशिया, पश्चिम से भारत के व्यापारिक संबंध थे।
  • कपड़ा, मसाले, निर्यात एवं घोड़े, सोना-चांदी आयात की प्रमुख वस्तुएँ थी।
  • कृषि कर उपज का 1/6 भाग होता था।
धार्मिक जीवन –
  • ज्ञान की खोज धार्मिक जीवन का मुख्य लक्ष्य था।
  • भारत में ब्राह्मण धर्म का प्रभाव था। जैन एवं बौद्ध धर्म भी प्रचलित थे। राजा-प्रजा धर्म सहिष्णु थे।
  • बौद्धों में महायान प्रभावी था।
  • सभी धर्मों में मूर्तिपूजा प्रचलित थी। ब्राह्मण धर्म में यज्ञ एवं गायें आदरणीय थी।
राजनीतिक जीवन –
  • शासन पद्धति हितकारी सिद्धान्तों पर आधारित थी। राज्य की आय राजकार्य चलाने, वेतन पुरस्कार तथा दान आदि में खर्च होती थी।
  • हर्ष की राजकार्यों में व्यक्तिगत रुचि थी, वह निरीक्षण यात्राएँ करता रहता था।
  • दण्डनीति उदार थी। अपराध कम होते थे। कुछ अपराधों में कठोर सजा थी। हर्ष के पास विशाल सेना थी।
शिक्षा –
  • शिक्षा विहारों व गुरुकुल के माध्यम वेदों का पाठ मौखिक होता था।
  • ब्राह्मी लिपि प्रचलित थी। शिक्षा में संस्कृत भाषा तथा वाद-विवाद प्रचलित थे।
  • नालन्दा एवं वल्लभी शिक्षा के प्रमुख केन्द्र थे।

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