फ्यूज तार 

फ्यूज विद्युत सर्किट में तार के छोटे से टुकड़े के रूप में लगा होता है, यह एक ऐसा सुरक्षा उपकरण है जो सर्किट में वायरिंग किये गए तार विशेष की निश्चित सीमा से अधिक प्रबल विद्युत धारा बहने पर स्वयं पिघलकर सर्किट को खंडित कर देता है, जिससे मकान में आग नहीं लगती है तथा घरों, दफ्तरों और शिक्षण संस्थानों के कीमती विद्युत उपकरण क्षतिग्रस्त होने से बच जाते हैं।

एक निश्चित मान से अधिक प्रबल विद्युत धारा बहने पर विद्युत परिपथ में लगा फ़्यूज तार गर्म होकर पिघल जाता है। इसी को फ़्यूज का उड़ना भी कहते हैं। इससे सर्किट खण्डित हो जाती है, जिससे विद्युत धारा का प्रवाह बन्द हो जाता है। फलस्वरूप, आग लगने का खतरा नहीं रहता।

फ़्यूज तार चीनी मिट्टी के बने एक ऐसे पात्र में बन्द रहता है जिसे किटकाट कहते हैं। यह एक विशेष प्रकार का सॉकेट होता है। ऐसा इसलिए कि पिघला गर्म फ़्यूज तार बाहर न गिर पाये। फ़्यूज तार टिन, सीसा और बिस्मथ नामक धातुओं को मिलाकर बनाया गया मिश्रधातु है जिसमें कभी-कभी कैडमियम नामक धातु भी मिलाया गया होता है। फ्यूज तार का गलनांक और प्रतिरोध दोनों ही कम होते हैं। इसका गलनांक सर्किट के तार की तुलना में कई गुना कम होता है।

आजकल मकानों, दुकानों, कार्यालयों आदि में इलेक्ट्रिकल वायरिंग के दौरान मिनियेचर सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सर्वाधिक सुविधाजनक और सुरक्षित किस्म का फ्यूज है, क्योंकि इसको बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ती है।


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