• भारत की मेजबानी में नई दिल्ली के केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में भारतीय महिला पहलवान दिव्या काकरान ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। वह टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला पहलवान बन गईं। उनसे पहले नवजोत कौर एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं।
  • दिव्या ने 68 किग्रा भार वर्ग में, पिंकी (55 किग्रा) और सरिता (59 किग्रा) ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। वहीं निर्मला देवी को 50 किग्रा में रजत पदक से संतोष करना पड़ा, जबकि किरण 76 किग्रा वर्ग की एकमात्र पहलवान रहीं जो पदक हासिल नहीं कर सकीं।

सुनील कुमार और  रवि कुमार दहिया ने जीता स्वर्ण पदक
  • एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप भारतीय पहलवान सुनील कुमार ने 18 फरवरी को 87 किग्रा वर्ग के फाइनल में किर्गिस्तान के अजात सालिदिनोव को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इस तरह सुनील ने भारत को ग्रीको रोमन वर्ग में 27 साल से स्वर्ण पदकों का सूखा खत्म कर दिया। वहीं अर्जुन हलाकुर्की ने भी ग्रीको रोमन वर्ग की 55 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
  • एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया 65 किग्रा भारवर्ग फाइनल में हार गए और उन्हें रजत पदक मिला। वहीं 57 किग्रा भार वर्ग में रवि कुमार दहिया ने स्वर्ण पदक जीता।
  • भारत के ही गौरव (79 किग्रा) और सत्यव्रत कादयान (97 किग्रा) को भी रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
सचिन तेंदुलकर को लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020

 

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  • मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020 (Laureus Sporting Moment Award 2000-2020) से नवाजा गया है। इस अवॉर्ड से उन्हें 17 फरवरी को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में सम्मानित किया गया। क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मैच में टीम इंडिया की जीत का जश्न मनाने के दौरान यादगार पलों के लिए यह अवॉर्ड मिला। सचिन तेंदुलकर को उनके साथी खिलाड़ियों ने कंधों पर उठा लिया था। इसी ऐतिहासिक क्षण को पिछले 20 वर्षों में ‘लॉरियस बेस्ट स्पोर्ट मोमेंट’ माना गया।
आईओसी ने पुलेला गोपीचंद को दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
  • अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को वर्ष 2019 का ‘कोच लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से नवाजा। पुलेला गोपीचंद प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं। पुलेला गोपीचंद का भारतीय बैडमिंटन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उनके मार्गदर्शन में लगातार सीखते आ रहे हैं।
  • आईओसी ‘कोच लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ दुनिया भर के कोचों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को पहचानने में योगदान देता है, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में खिलाड़ियों को विकसित करने तथा प्रोत्साहित करने हेतु काम किया है।