कांग्रेस की पूर्वगामी संस्थान

जमींदारी एसोसिएशन
  • 1838 में जमीदारों के हितों की सुरक्षा के लिये जमींदारी एसोसिएशन (लैंडहोल्डर्स एसोसिएशन) का गठन किया गया। जमींदारी एसोसिएशन भारत की पहली राजनीतिक सभा थी, जिसने संगठित राजनीतिक प्रयासों का शुभारम्भ किया।
बंगाल ब्रिटिश इण्डिया सोसायटी
  • 1843 में बंगाल ब्रिटिश इण्डिया सोसायटी का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जगाना तथा राजनीतिक शिक्षा को प्रोत्साहित करना था।
ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन
  • 1851 में जमींदारी एसोसिएशन तथा बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसायटी का आपस में नई संस्था ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन का गठन किया।
ईस्ट इण्डिया एसोसिएशन
  • 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में गठन किया। इसका उद्देश्य भारत के लोगों की समस्याओं और मांगों से ब्रिटेन को अवगत कराना तथा भारतवासियों के पक्ष में इंग्लैण्ड में जन समर्थन तैयार करना था।
इण्डियन लीग
  • 1875 में शिशिर कुमार घोष ने इण्डियन लीग की स्थापना की, जिसका उद्देश्य लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जागृत करना तथा राजनीतिक शिक्षा को प्रोत्साहन देना था।
  • इण्डियन लीग का स्थान इण्डियन एसोसिएशन ऑफ़ कलकत्ता ने ले लिया। इसकी स्थापना 1876 में सुरेंद्रनाथ बनर्जी एवं आनंद मोहन बोस ने की थी। ये दोनों ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की संकीर्ण एवं जमींदार समर्थक नीतियों के विरुद्ध थे।
बाम्बे एसोसिएशन
  • बंबई में सर्वप्रथम राजनीतिक संस्था बाम्बे एसोसिएशन थी, जिसका गठन 26 अगस्त 1852 को कलकत्ता ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन के नमूने पर किया गया।
  • इसका उद्देश्य भेदभावपूर्ण सरकारी नियमों के विरुद्ध सरकार को सुझाव देना तथा विभिन्न बुराइयों को दूर करने हेतु सरकार को ज्ञापन देना था।
पूना सार्वजनिक सभा
  • 1867 में महादेव गोविंद रानाडे ने पूना सार्वजनिक सभा बनायी। जिसका उद्देश्य सरकार और जनता के मध्य सेतु का कार्य करना था।
  • 1885 में बाम्बे प्रेसीडेंसी एसोसिएशन बनायी गयी। जिसका श्रेय सैय्यद बदरुद्दीन तेय्यबाजी, फिरोजशाह मेहता एवं के टी. तेलंग की है।
  • कलकत्ता की ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन की शाखा के रूप में मद्रास नेटिव एसोसिएशन का गठन किया गया।
  • मई 1884 में एम. वीराराघवाचारी, बी. सुब्रह्मण्यम अय्यर एवं पी.आनंद चारलू ने मद्रास महाजन सभा का गठन किया। इस सभा का उद्देश्य स्थानीय संगठन के कायों को समन्वित करना था।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस- स्थापना, उद्देश्य एवं कार्यक्रम

  • स्थापना का श्रेय एक सेवानिवृत्त अंग्रेज अधिकारी ए.ओ. ह्यूम को।
  • पूना में हैजा फैल जाने से यह सम्मेलन बंबई में आयोजित किया गया।
  • ए.ओ. ह्यूम के अतिरिक्त सुरेंद्रनाथ बनर्जी तथा आनंद मोहन बोस कांग्रेस के प्रमुख वास्तुविद माने जाते हैं।
  • प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की तथा इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रथम महिला स्नातक कादम्बिनी गांगुली ने 1890 में प्रथम बार कांग्रेस को संबोधित किया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्देश्य एवं कार्यक्रम इस प्रकार थे-
  • लोकतांत्रिक राष्ट्रवादी आंदोलन चलाना।
  • भारतीयों को राजनीतिक लक्ष्यों से परिचित कराना तथा राजनीतिक शिक्षा देना।
  • आंदोलन के लिये मुख्यालय की स्थापना।
  • देश के विभिन्न भागों के राजनीतिक नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंधों की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
  • उपनिवेशवादी विरोधी विचारधारा को प्रोत्साहन एवं समर्थन।
  • एक सामान्य आर्थिक एक राजनीतिक कार्यक्रम हेतु देशवासियों को एकमत करना।
  • लोगों को जाति, धर्म एवं प्रांतीयता की भावना से उठाकर उनमें एक राष्ट्रव्यापी अनुभव को जागृत करना।
  • भारतीय राष्ट्रवादी भावना को प्रोत्साहन एवं उसका प्रसार।

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