कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन

  • 31 दिसम्बर 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन का आयोजन किया गया।
    अध्यक्ष – पं. जवाहर लाल नेहरू
    सम्मेलन में नेहरू रिपोर्ट को पूरी तरह निरस्त घोषित किया गया।
  • पं. जवाहर लाल नेहरू ने अध्यक्षीय भाषण कि आज हमारा सिर्फ एक लक्ष्य है स्वाधीनता का लक्ष्य। हमारे लिए स्वाधीनता के मायने है ब्रिटिश साम्राज्यवाद से पूर्ण स्वतंत्रता।’
  • उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से यह स्वीकार करता हूं कि मैं समाजवादी और गणतंत्रवादी हूं और राजाओं, नरेशों या उस व्यवस्था में मेरा कोई विश्वास नहीं है जो आधुनिक औद्योगिक सम्राट उत्पन्न करती है।’
  • 31 दिसम्बर, 1929 को रात के 12 बजे जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर अपार जनसमूह के मध्य नवगृहीत तिरंगे झण्डे को फहराया गया।
  • इस अवसर पर नेहरू ने कहा कि ‘ब्रिटिश सत्ता के सामने अब अधिक झुकना मनुष्य और ईश्वर दोनों के विरूद्ध अपराध है।’
  • अधिवेशन में 26, जनवरी 1930 को प्रथम स्वाधीनता दिवस मनाने का निश्चय किया गया।
  • कांग्रेस ने प्रतिवर्ष 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने का निश्चय किया।
  • पूर्ण स्वराज्य के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने का नेतृत्व गांधीजी को सौंपा गया।

 

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