फाह्यान का भारत वर्णन –
- चीनी यात्री फाह्यान ने 399 ई. से 414 ई. तक भारत का भ्रमण किया था।
- उसने भारत की आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक व सामाजिक स्थिति का वर्णन किया है। तत्कालीन समाज में शाकाहार का प्रचलन था, सामान्यतयः जनता लहसुन प्याज का सेवन नहीं करती थी।
- अस्पृश्यता विद्यमान थी, परन्तु आम जनता का जीवन सादा व अहिंसक था।
- बौर्द्ध धर्म सीमावर्ती राज्यों में उन्नति था जबकि अपने प्रमुख स्थानों में अपनी महत्ता खो रहा था। समाज में धार्मिक समानता विद्यमान थी।
- ब्राह्मण धर्म भी उन्नत अवस्था में था। प्रजा दान-धर्म, पाप-पुण्य, लोक-परलोक, पुनर्जन्म में विश्वास करती थी। प्रजा सुखी थी।
- करों का बोझ अधिक नहीं था।
- दण्ड व्यवस्था कठोर नहीं थी, अपराध नगण्य थे।
- चोरों व डाकुओं का भय नहीं था।
- राज्य प्रजा के निजी विषयों में हस्तक्षेप नहीं करता था।
- प्रसिद्ध नगर श्रावस्ती, वैशाली, कौशम्बी उजड़ने लगे तथा उनके स्थान पर व्यापारिक नगर उज्जैन, कन्नौज आदि समृद्ध हो गए एवं व्यापार उन्नत था।
- मुख्यतः कौड़ियां एवं वस्तुएँ विनियम का आधार थी। पाटलिपुत्र के निवासी सम्पन्न थे।
- दान देने व जनहित कार्य के लिए तैयार रहते थे।