विस्फोटक: डायनामाइट क्या है और इसका आविष्कार किसने किया था

डायनामाइट (Dynamite) : इसका आविष्कार सन् 1863 ई. में अल्फ्रेड नोबल ने किया। यह नाइट्रोग्लिसरीन को किसी अक्रिय पदार्थ जैसे लकड़ी के बुरादे में अवशोषित करके बनाया जाता है। जिलेटिन डायनामाइट में नाइट्रो सेलुलोस की मात्रा उपस्थित रहती है। इसके विस्फोट के समय उत्पन्न गैसों का आयतन बहुत अधिक होता Read more…

विलयन

विलयन एक समांगी मिश्रण होता है, जिसमें दो या दो से अधिक पदार्थ होते हैं। साधारणतः मुख्य अवयव (जो भाग अधिक मात्रा में हो) को विलायक (Solvent) एवं कम मात्रा में उपस्थित भाग को विलेय (Solute) कहते हैं। जल एक सार्वत्रिक विलायक है। दिये हुए ताप पर किसी विलयन में जब Read more…

रक्त समूह  

  कार्ल लैण्डस्टीनर ने 1900 में पाया कि यदि एक व्यक्ति की लाल रुधिर कणिकाओं को अन्य व्यक्ति के रक्त सीरम में रख दिया जाए तो लाल रुधिर कणिकाओं के मध्य समूहन Agglutation होने की आशंका रहती है। यदि ऐसे व्यक्तियों के मध्य रक्ताधान कर दिया जाये तो ग्राही की मृत्यु हो Read more…

सहजीविता या सहजीवन क्या है, लाइकेन किस कुल के पौधों की जड़ों में रहता है

परजीविता Parasitism- वातावरण में कवक, जीवाणु एवं विषाणु तथा कुछ उच्चवर्गीय आवृत्त बीजी पौधे जैसे- अमरबेल, लोरेन्थस, ओरोबैका, वेलेनोफोरा, रैफ्लेशिया आदि परजीवी के रूप में उगते हैं। इनमें पर्णहरिम का अभाव होता है और ये सभी अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते हैं दूसरे पौधों से चूषकांगों द्वारा प्राप्त करते Read more…

विटामिन्स क्या है और उनकी कमी से होने वाले रोग कौन-कौन से हैं

विटामिन विटामिन पोषण के लिए महत्त्वपूर्ण तत्व हैं। शरीर को इनकी बहुत ही कम आवश्यकता होती है, फिर भी इनका शरीर पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इनका ऊर्जा स्रोत के रूप में कोई महत्त्व नहीं है किंतु शरीर के विभिन्न उपापचयी प्रक्रमों पर नियंत्रण करते हैं और शरीर की बीमारियों से Read more…

नाइट्रोजन चक्र

नाइट्रोजन चक्र क्या है? नाइट्रोजन चक्र वह जैव-भूरासायनिक चक्र है जो प्रकृति में नाइट्रोजन एवं नाइट्रोजनयुक्त यौगिकों के रूपांतरण को बताता है।  वायुमंडलीय नाइट्रोजन नाइट्रोजन का सबसे बड़ा स्त्रोत है।  हरे पौधे नाइट्रोजन को नाइट्राइट व नाइट्रेट के रूप में मृदा व जल से अवशोषित करते हैं।  जंतु जब पौधों Read more…

ध्वनि प्रदूषण क्या है,ध्वनि के स्तर को मापा जाता है?

मानव के कानों में ध्वनि को सुगमतापूर्वक ग्रहण करने की एक सीमा होती है। इस निर्धारित सीमा से अधिक की ध्वनि सुनने से जब मानव के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है, तब उसे ध्वनि प्रदूषण या शोर कहा जाता है। इससे सम्बन्धित प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं- ध्वनि Read more…

कार्बन के अपररूप: हीरा, ग्रेफाइट और फुलरीन के बारे में विस्तार से पढ़ें

  आवर्त सारणी के उपवर्ग में 4 ए का सदस्य है। कार्बन का संकेत – C परमाणु संख्या – 6 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास – 1s22s22p2 संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या – 4 किसी तत्त्व के दो या दो से अधिक रूप जो गुणधर्मों में एक-दूसरे से पर्याप्त भिन्न होते हैं, अपररूप कहलाते Read more…