राजस्थान के नागरिकों को मिला सर्वप्रथम पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री नागरिक सम्मान

राजस्थान में पुरस्कार एवं सम्मान पद्मविभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ता पहली राजस्थानी – जानकी देवी बजाज, 1956 ई. में पद्मभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ता पहला राजस्थानी – कंवर सेन, 1956 ई. पद्मश्री पुरस्कार – श्रीमती रतन शास्त्री, 1955 ई. परमवीर चक्र पुरस्कार – हवलदार मेजर पीरूसिंह, झुंझुनूं 1948 ई. अशोक चक्र पुरस्कार – हवलदार Read more…

‘वेलि कृष्णरुक्मणी री’ किस भाषा में लिखी गई है?

RPSC वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत शिक्षा) परीक्षा में पूछे गए प्रश्न ‘मारवाड़ म्यूरल्स’ के लेखक कौन हैं? अ. जयसिंह नीरज                                ब. रामावतार अग्रवाल स. महाराजा बख्तसिंह                      Read more…

मौर्य प्रशासन

  मौर्य साम्राज्य के प्रशासन की विस्तृत जानकारी इण्डिका, अर्थशास्त्र आदि ग्रंथों एवं तत्कालिक अभिलेखों से प्राप्त होती है। मौर्य प्रशासन के अन्तर्गत भारत में प्रथम बार राजनीतिक एकता देखने को मिली तथा सत्ता का केन्द्रीकरण हुआ। साम्राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्तियों से पूर्व उनकी योग्यता एवं चरित्र को Read more…

आंग्ल-मैसूर युद्ध किसके मध्य लड़े गये

मैसूर राज्य मैसूर में वडियार वंश का शासन था, चिक्का कृष्णराज शासक था। दो भाइयों, देवराज ‘मुख्य सेनापति’ तथा नंदराज (नंजाराज ‘राजस्व तथा वित्त के अधीक्षक’) ने राज्य की समस्त शक्ति अपने हाथ में केन्द्रित कर ली। हैदरअली का जन्म 1721 में मैसूर प्रांत के कोलार में। पिता फतेह मुहम्मद Read more…

अरबों का भारत पर आक्रमण

मोहम्मद बिन कासिम  भारत पर आक्रमण करने वाला प्रथम अरब मुस्लिम मोहम्मद बिन कासिम था। मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के समय सिंध का शासक दाहिर था। ब्रह्म गुप्त द्वारा लिखित ब्रह्मसिद्धांत एवं खण्डखाद्य का अरबी में अनुवाद भारतीय विद्वानों की सहायता से अल-फाजरी ने किया था। ब्रह्म सिद्धांत का Read more…

राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन – महत्त्वपूर्ण तथ्य

सिरोही लोक परिषद की स्थापना मुम्बई में 1933 ई. में, बीकानेर लोक परिषद की स्थापना कलकत्ता में 1936 ई. में तथा जैसलमेर प्रजामंडल की स्थापना जोधपुर में 1945 ई. में की गई। 1907 ई. में पं. कन्हैयालाल ढूंढ और उनके शिष्य स्वामी गोपालदास ने चुरू में शिक्षा हेतु पुत्री पाठशाला Read more…

सविनय अवज्ञा आन्दोलन 1930-34

सविनय अवज्ञा का तात्पर्य अंग्रेजी शासन के कानूनों की शान्तिपूर्ण ढंग से अवहेलना करना। महात्मा गांधी को सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम की घोषणा करने का अधिकार 1 फरवरी 1930 ई. की कांग्रेस कार्यकारिणी से मिल चुका था। 14-16 फरवरी 1930 ई. तक कांग्रेस कार्यकारिणी की एक बैठक में एक Read more…

शिवाजी: मराठा साम्राज्य के संस्थापक और उसकी विजय

शिवाजी का जन्म 20 अप्रैल, 1627 ई. में पूना के निकट शिवनेर के दुर्ग में हुआ। पिता – शाहजी भोंसले। (पहले अहमदनगर की सेवा में, शाहजहाँ द्वारा 1633 ई. में अहमदनगर की विजय के पश्चात् बीजापुर की सेवा में चले गये) उन्होंने पूना की जागीर शिवाजी को सौंप दी। माता Read more…

अलाउद्दीन खिलजी का चित्तौड़ पर आक्रमण

रावल रत्नसिंह (1302-1303 ई.) रावल समरसिंह (1273-1302 ई.) की मृत्यु के बाद 1302 ई. में मेवाड़ के सिंहासन पर उसका पुत्र रत्नसिंह बैठा। रत्नसिंह को केवल एक वर्ष ही शासन करने का अवसर मिला जो दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के चित्तौड़ पर आक्रमण के लिए प्रसिद्ध है। अलाउद्दीन खिलजी Read more…

रणथम्भौर का हम्मीर चौहान

हम्मीर चौहान (1282-1301 ई.) अपने पिता जैत्रसिंह का तीसरा पुत्र था। सभी पुत्रों में योग्य होने के कारण उसका राज्यारोहण उत्सव जैत्रसिंह ने अपने जीवनकाल में ही 1282 ई. में सम्पन्न करवा दिया था। दिग्विजय के बाद हम्मीर ने कोटि यज्ञों का आयोजन किया जिससे उसकी प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई। Read more…