अकबर द्वारा महाराणा प्रताप से बातचीत हेतु भेजे गए दूतों का सही क्रम चुने-

अ. जलाल खां, मानसिंह, भगवंत दास, टोडरमल ब. मानसिंह, जलाल खां, टोडरमल, भगवंत दास स. जलाल खां, टोडरमल, मानसिंह, भगवंत दास द. टोडरमल, जलाल खां, मानसिंह, भगवंत दास उत्तर- अ व्याख्या- अकबर ने महाराणा प्रताप से वार्ता करने के लिए चार शिष्टमंडल भेजे जो क्रमशः निम्न प्रकार से थे- जलाल Read more…

मेहरानगढ़ का किला

राजस्थान की स्थापत्य कला: दुर्ग स्थापत्य कला एवं प्रमुख दुर्ग

राजस्थान में दुर्गों का निर्माण सुरक्षा की दृष्टि से कई प्रकार से किया जाता था, जो निम्न प्रकार हैं- धान्वन दुर्ग: ऐसा दुर्ग जिसके दूर-दूर तक मरु भूमि फैली हो, जैसे-जैसलमेर का किला। 2 . जल दुर्ग: ऐसा दुर्ग जो जल राशि से घिरा हो, जैसे – गागरोन का किला। Read more…

राजस्थान के प्रमुख प्रजामंडलों संस्थापक

राजस्थान प्रजामण्डल आन्दोलन प्रजामण्डल स्थापना वर्ष संस्थापक सदस्य अध्यक्ष   जयपुर (राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल) 1931 कपूरचन्द पाटनी व श्री जमनालाल बजाज कपूरचन्द पाटनी व श्री जमनालाल बजाज जयपुर राज्य प्रजामण्डल का पुनर्गठन 1936 में श्री चिरंजीलाल मिश्र मारवाड़ प्रजामण्डल 1934 में जयनारायण व्यास, भंवर लाल सर्राफ तथा चांदमल सुराणा भंवर Read more…

चम्पानेर की संधि किन राज्यों के बीच हुई?

चम्पानेर की संधि किन राज्यों के बीच हुई? — मालवा व गुजरात व्याख्या— गुजरात और मेवाड़ में संघर्ष का मुख्य कारण नागौर के उत्तराधिकारी को लेकर हुआ। मेवाड़ के विरुद्ध संयुक्त अभियान के लिए गुजरात के शासक और मालवा के शासकों के बीच 1456 ई. में चम्पानेर की संधि हुई। Read more…

केसरी सिंह बारहठ: राजस्थान का क्रांतिकारी जिसने ‘चेतावणी रा चूंग्ट्या’ लिखा

  राजस्थान में क्रांति की अलख जगाने वालों में अग्रणी क्रांतिकारी और कवि केसरी सिंह बारहठ थे। उनके और उनके परिवार वालों का योगदान कभी नहीं भूलाया जा सकता है। उनके भाई जोरावर सिंह और पुत्र प्रताप सिंह बारहठ ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। जीवन Read more…

राजस्थान का एकीकरण कितने चरणों में हुआ

राजस्थान के एकीकरण के समय कुल 19 रियासतें, 3 ठिकाने- लावा (जयपुर), कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) व नीमराना (अलवर) तथा एक अंग्रेज शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा थे। रियासतों की समस्या से निपटेन के लिए भारत सरकार ने 27 जून, 1948 को रियासती विभाग की स्थापना की। राजस्थान का एकीकरण का कार्य  18 मार्च, Read more…

गोकुलभाई भट्ट: राजस्थान के गांधी के नाम से जाने जाते हैं, पढ़ें

  गोकुलभाई भट्ट देश की आजादी के दौरान राजस्थान के लोगों में राष्ट्रीय चेतना जाग्रत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारी थे। उन्हें ‘राजस्थान के गांधी’ नाम से भी पुकारा जाता है। स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ वह सामाजिक कार्यकर्ता, कवि, पत्रकार, बहुभाषाविद और लेखक थे। वह भारत के संविधान Read more…

कन्हैयालाल सेठिया: एक कवि जिसने देश की आजादी के समय अपने गीतों से युवाओं को आजादी के लिए प्रेरित किया

कन्हैयालाल सेठिया राजस्थान के प्रसिद्ध कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे। वह राजस्थानी और हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध काव्य रचना ‘पाथल-पीथल’ है। उन्होंने राजस्थान में सामंतवाद के खिलाफ आंदोलन किया और पिछड़े वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। कन्हैयालाल Read more…

राजस्थान में समाचार-पत्र

सज्जन कीर्ति सुधारक प्रथम साप्ताहिक समाचार पत्र 1876 ई. में उदयपुर से प्रकाशित। इसके का प्रकाशन महाराणा सज्जनसिंह ने करवाया। राजस्थान समाचार पहला हिन्दी दैनिक अजमेर से 1889 ई. में मुंशी समर्थदान द्वारा। देश हितैषी 1882 ई. में अजमेर से। इसके प्रकाशक मुन्नालाल शर्मा थे। नवीन राजस्थान 1922 में अजमेर Read more…

राजस्थान में हुए प्रमुख जौहर एवं साके

राजपूताना में प्राचीन काल में जब युद्ध हुआ करते थे तो राजपूत वीरांगनाओं द्वारा अग्निकुंड या पानी में कूदकर जान दे देना जौहर कहलाता है। इसी प्रकार राजपूत वीर केसरिया रंग के वस्त्र पहनकर युद्धभूमि में ही वीरगति को प्राप्त हो जाना केसरिया कहलाता है। जब जौहर और केसरिया दोनों Read more…