चक्रवात और प्रतिचक्रवात

चक्रवात और प्रतिचक्रवात दो विशिष्ट प्रकार के वायुदाब और पवन तंत्र हैं। इन्हें परिवर्तनशील पवनें भी कहते हैं। चक्रवात:- निम्न वायुदाब के तंत्र होते हैं जिनके चारों ओर उच्च वायुदाब होता है। चक्रवात में पवनों का प्रवाह चक्रीय रूप में होता है। दक्षिणी गोलार्द्ध में चक्रवातों में पवनों की दिशा Read more…

विश्व की जलसंधियां

  जलसंधि देश जोड़ी गई जलराशियां डेविस जलसंधि ग्रीनलैण्ड-कनाड़ा अटलांटिक महासागर तथा बैफिन की खाड़ी हडसन जलसंधि कनाडा हडसन की खाड़ी तथा अटलांटिक महासागर जिब्राल्टर जलसंधि स्पेन-मोरक्को अटलांटिक महासागर तथा भूमध्य सागर ओटरण्टो जलसंधि इटली-अल्बानिया ऐड्रियाटिक सागर तथा आयोनियन सागर डॉवर जलसंधि फ्रांस-इंग्लैण्ड इंग्लिश चैनल तथा उत्तरी सागर मैसिना जलसंधि Read more…

प्रवाल भित्तियां

प्रवाल (मूंगा) सागरों या महासागरों में विशेष प्रकार की रचना करने वाले एकमात्र जीव हैं, जो मुख्यतः उष्ण कटिबन्धीय सागरों में पाये जाते हैं। प्रवाल का शरीर अत्यन्त कोमल डोलोमाइट तथा चूने से बना होता है जो स्पंज के समान दिखता है। ये सदैव समूह में रहते हैं तथा अपने Read more…

भारत के प्रमुख बंदरगाह

उभरती वैश्विक अर्थव्यवस्था ने सभी क्षेत्रों में और विशेष रूप से समुद्रवर्ती क्षेत्र में नए अवसर खोले हैं। भारत की लगभग 75,517 कि.मी. लंबी तटीय रेखा के निकट 12 बड़े और लगभग 200 छोटे बंदरगाह हैं। 6 बड़े बंदरगाह – कोलकाता, पारादीप, विशाखापत्तनम, हल्दिया, चेन्‍नई, एन्‍नोर (कामराजार) और तूतीकोरिन बंदरगाह Read more…

महासागरीय गर्त: विश्व का सबसे गहरा गर्त किस महासागर में स्थित है

महासागर प्रथम श्रेणी के उच्चावच है। यह पृथ्वी के गहरे क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत है तथा इसमें पृथ्वी की विशाल जलराशि संचित है। महाद्वीपों के विपरीत महासागर एक-दूसरे से स्वाभाविक रूप में इतने करीब हैं कि उनका सीमांकन करना कठिन हो जाता है। फिर भी भूगोलविदों ने पृथ्वी के Read more…

विश्व के प्रमुख घास के मैदान

घासभूमि घासभूमि वह क्षेत्र होता है जहां शाकीय पौधों, मुख्यतः पोएसी कुल के पौधों का प्रभुत्व होता है। इन क्षेत्रों में साइपरेसी एवं जंकेसिया कुल के पौधे भी पाये जाते हैं। अंटार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर विश्व के सभी महाद्वीपों पर प्राकृतिक घासभूमियों का विस्तार है। अधिकांश घासभूमियों वनभूमियों एवं मरूस्थलों Read more…

महासागरीय जल धाराएं

महासागरीय जल की निश्चित सीमा के अंतर्गत सतत एवं निर्दिष्ट दिशा में तीव्र संचलन को महासागरीय धारा कहते हैं। धाराएं धरातलीय भाग पर प्रवाहित होने वाली नदियों के समान ही होती है। सागरीय गतियों में धाराएं सर्वाधिक शक्तिशाली होती हैं, क्योंकि इनके द्वारा सागरीय जल हजारों किलोमीटर तक बहा लिया Read more…

ट्रक-कृषि

ट्रक-कृषि व्यापार के उद्देश्य से की जाने वाली साग-सब्जी तथा फलों की खेती ट्रक-कृषि के नाम से जानी जाती है। इस कृषि का नगरीकरण से घनिष्ठ सम्बन्ध है। नगरों में अधिक जनसंख्या के कारण साग-सब्जी तथा फलों की मांग अधिक होने के कारण नगर आंचल में इनकी गहन कृषि होती Read more…

स्थानीय पवन

धरातल पर तापमान का असमान वितरण पाया जाता है। वायु गर्म होने पर फैलती है और ठंडी होने पर सिकुड़ती है। इससे वायुमंडलीय दाब में भिन्नता उत्पन्न होती है। इसी के परिणामस्वरूप वायु गतिमान होकर अधिक दाब वाले क्षेत्रों से न्यून दाब वाले क्षेत्रों में प्रवाहित होती है। क्षैतिज रूप Read more…

विश्व की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील कौन सी है?

गिनी जलधारा किस प्रकृति की धारा है? – गर्म जलधारा अटलांटिक महासागर की सर्वाधिक लवणता कहां पायी जाती है? – सारगैसो सागर में सारगैसो सागर का नाम सारगैसो क्यों पड़ा? – सारगैसम नामक की जड़विहीन घास के कारण क्यूरोशिओं धारा अटलांटिक महासागर की किस जलधारा से साम्यता रखती है? – Read more…