• भारत की सुप्रसिद्ध तैराक बुला चौधरी चक्रवर्ती का जन्म 2 जनवरी, 1970 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ। वह दुनिया की ऐसी तैराक है​ जिनके नाम पांचों महाद्वीपों के सातों समुद्रों को तैरकर पार करने का कारनाम दर्ज है। इन्हें ‘जल परी’/’समुद्र सम्राज्ञी’ के नाम से जाना जाता है। बुला चौधरी को वर्ष 1990 में अर्जुन पुरस्कार और वर्ष 2003 में ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्काबुला चौधरी: दो बार इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाली पहली एशियाई महिला तैराकर से सम्मानित किया गया।
  • जब वह मात्र 9 साल की थी तब राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर सबको ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। बुला ने इस प्रतियोगिता में अपनी आयु वर्ग की सभी स्पर्धाओं में जीत दर्ज कर छह स्वर्ण पदक जीते। इस प्रकार तैराकी प्रतियोगिता के शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने लम्बी दूरी में कीर्तिमान रचने की सोची। बुला चौधरी ने अपने कोच संजीव चक्रवर्ती से शादी की। उनके एक बेटा सर्बूजी है।
दो बार इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया
  • बुला ने पहली बार वर्ष 1989 में इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया, फिर बाद में एक बार फिर से वर्ष 1999 में इंग्लिश चैनल को पार किया। वह ऐसा करने वाली पहली एशियाई महिला तैराक बन गई। 20 जुलाई, 2002 को यूनान में टॉरोनियस की खाड़ी को तैरकर पार करने में बुला चौधरी ने सफलता प्राप्त की। कैसान्द्रा से निकिती बीच की 26 किमी की दूरी को बुला चौधरी ने 8 घण्टे 11 मिनट में पूरा किया। बुला वर्ष 2000 में जिब्राल्टर की खाड़ी को भी तैरकर पार किया।
  • 25 मार्च, 2003 को बुला ने न्यूजीलैण्ड के साउथ आइलैंड के समुद्र में कुक स्ट्रेट को तैरकर पार करने में सफलता प्राप्त की। ओहायो से पेरानो पाइंट के बीच जलडमरूमध्य की 24 किमी की दूरी को 9 घण्टे 4 मिनट के समय में बुला ने पूरी किया। बेहद ठण्डे पानी एवं विषम परिस्थितियों वाले इस जलडमरूमध्य की पार करना बुला के जीवन की एक बड़ी चुनौती थी।
सातों समुद्रों को तैरकर किए पार
  • बुला का सातों समुद्रों को तैरकर पार करने का सपना अगस्त, 2004 में पूरा हुआ। 20 अगस्त, 2004 को श्रीलंका के तलाई मन्नार से भारत के धनुष्कोटि के बीच पाकस्ट्रेट को तैरकर पार करके बुला चौधरी सात समुन्दर तैरकर पार करने वाली विश्व की पहली महिला बन गई। तलाई मन्नार व तमिलनाडु में धुनष्कोटि के बीच 17 नॉटिकल मील (40 किमी) की दूरी तय करने में करीब 14 घण्टे का समय लिया। इस दौरान उन्होंने तेज हवाओं और बारिश का सामना किया। बुला का यह सातवां समुद्र था जिसे तैरकर उन्होंने पार किया।
  • 29 अप्रैल, 2005 को दक्षिण अफ्रीका के थ्री एंकर बे से रोब्बन द्वीप तक तैरकर पांचों महाद्वीपों को परर करने वाली विश्व की पहली महिला तैराक बन गई। बुला ने अंटार्कटिक महासागर में 30 किमी की इस दूरी को तीन घण्टे 26 मिनट में तय कर एक नया रिकॉर्ड भी कायम किया है। यह दूरी किसी भी एशियाई तैराक द्वारा सबसे कम समय में तय की गई है।
  • रोब्बन द्वीप विश्व इतिहास में उस स्थान के रूप में दर्ज है जहां, नेल्सन मंडेला रंगभेद के विरुद्ध अपने संघर्ष में 27 वर्ष तक जेल में रहे थे।
सम्मान
  • बुला चौधरी को वर्ष 1990 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें ‘जलपरी’ की उपाधि भी दी गई है।
  • उन्हें वर्ष 2002 में तेन्जिंग नोर्गे एडवेंचर अवॉर्ड मिला।
  • वर्ष 2003 में उन्हें ‘ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट’ अवॉर्ड दिया गया।
उनके नाम दर्ज रिकॉर्ड
  • बुला ने सातों समुद्र और पांचों महाद्वीप के जलडमरूमध्य पार कर रिकार्ड बनाया है।
  • उन्होंने जिब्राल्टर जलडमरूमध्य विश्व रिकॉर्ड समय में तैर कर पार किया। उनका समय 3 घंटे 35 मिनट था।