मस्तिष्क उद्वेलन (Brainstorming)

प्रतिपादक : ओसबोर्न 

  • मस्तिष्क उद्वेलन (Brainstorming) विधि में बालक को कोई भी ऐसी समस्या प्रदान की जाती है जिसके द्वारा बालक के मस्तिष्क में उथल-पुथल उत्पन्न होती है एवं इस उथल-पुथल के द्वारा बालक किसी नवीन विषय को प्रकट करता है। 
  • सामाजिक विज्ञान विषय में इस विधि के दौरान अनेक विचारों की प्राप्ति की जाती है एवं शिक्षक की सहायता के बिना बालक स्वयं अपनी मानसिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिगम करता है। इस विधि में मौलिक विचारों का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। 
  • इस विधि में बालकों के मस्तिष्क को सक्रिय करने और समस्या समाधान हेतु उकसाया जाता है। 
  • इस विधि में बालकों को पूर्ण स्वतंत्रता दी जाती है। 

सोपान 

समस्या का चयन: 

  • सर्वप्रथम शिक्षक बालकों को ऐसी समस्या प्रस्तुत करता है जिसके द्वारा बालक मानसिक रूप से तर्क-वितर्क हेतु प्रेरित होता है। 

समस्या का विश्लेषण: 

  • बालक समाधान को लेकर चिंतन, मनन करता है एवं नवीन विचार की ओर प्रेरित होता है। 

समाधान की प्राप्ति: 

  • बालक मानसिक तर्क-वितर्क करते हुए समाधान प्राप्त करता है। 

मूल्यांकन: 

  • अंत में शिक्षक द्वारा यह मूल्यांकन किया जाता है कि नवीन समाधान प्राप्त हुआ अथवा नहीं।

विशेषताएं –

  • चिंतन पर आधारित विधियां विधि है।
  • मानसिक तर्क-वितर्क के अवसर 
  • सामाजिकता के विकास में सहायक 
  • छात्र केंद्रित पद्धति 
  • शिक्षक की भूमिका मार्गदर्शक के समान 
  • व्यक्तिगत विभिन्नता पर आधारित विधि 
  • सृजनात्मकता के विकास में सहायक

‘मस्तिष्क उद्वेलन’ तकनीक का प्रतिपादन किया है?

अ. बाकर मेंहदी ने

ब. ओसबोर्न ने

स. गिलफोर्ड ने

द. टारेन्स ने

उत्तर— ब 

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