गिनी गुणांक

गिनी गुणांक = छायांकित भाग का क्षेत्र/ BCD का क्षेत्रफल
जैसे छायांकित भाग बढ़ेगा तो असमानता बढ़ेगी।

1905 में लॉरेन्ज ने आय असमानता को ज्ञात करने के लिए लॉरेन्ज वक्र का प्रतिपादन किया इसी के आधार पर गिनी गुणांक निकाला जाता है।

गिनी गुणांक 1912 में ‘कोरेडो गिनी’ के द्वारा दिया गया। लॉरेन्ज वक्र गिनी गुणांक का आधार है। इसका मान 0-1 के मध्य होता है। यदि गिनी गुणांक का मान एक हो तो यह आय से पूर्ण असमानता को दर्शायेगा एवं इसका मान शून्य हो तो यह पूर्ण समानता का दर्शायेगा।

 


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